स्वामित्व योजना में सराहनीय कार्य करने पर कुरुक्षेत्र को मिला अवार्ड
जिला प्रशासन को मिले इस सम्मान पर डीसी मुकुल कुमार ने राजस्व व पंचायती राज सहित अन्य संबंधित विभागों की संयुक्त भागीदारी पर बधाई दी है।

कुरुक्षेत्र : उपायुक्त मुकुल कुमार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में लाल डोरा मुक्त मुहिम के तहत लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक दिलाने में कुरुक्षेत्र जिला प्रशासन ने अपनी सक्रिय भूमिका अदा की है। सरकार के फ्लैगशिप प्रोजेक्ट के रूप में स्वामित्व योजना के तहत कुरुक्षेत्र जिला के उम्दा प्रदर्शन को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 25 दिसंबर को सुशासन दिवस पर कुरुक्षेत्र जिला प्रशासन को सम्मानित किया है। यह पुरस्कार पंचकूला में आयोजित राज्यस्तरीय सुशासन दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने डीडीपीओ प्रताप सिंह को प्रदान किया है।
उपायुक्त मुकुल कुमार ने अधिकारियों की कार्य प्रणाली की प्रशंसा करते हुए कहा कि पंचकूला स्थित रेस्ट हाउस सभागार में आयोजित राज्यस्तरीय सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिला प्रशासन की ओर से जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी प्रताप सिंह को सुशासन की दिशा में बढ़ाए गए कदम पर सुशासन सम्मान प्रदान किया है। जिला प्रशासन को मिले इस सम्मान पर डीसी मुकुल कुमार ने राजस्व व पंचायती राज सहित अन्य संबंधित विभागों की संयुक्त भागीदारी पर बधाई दी है। केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा लागू योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वित करने में प्रशासन सजग एवं सतर्क है।
उन्होंने स्वामित्व योजना के तहत किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि जिला में भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा 409 गांवों में ड्रोन फ्लाइंग की गई थी जिसमें सर्वे हेतु 409 गांवों के प्रथम स्तर के नक्शे प्राप्त हुए थे जोकि सर्वे करके सर्वेक्षण विभाग को भेजे जा चुके हैं। इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए 401 गांवों में दूसरे स्तर के नक्शे प्राप्त हो चुके है और इनमें से 326 गांवों में 36948 ग्रामीणों को उनकी संपत्ति के मालिकाना हक के दस्तावेज सौंपे जा चुके हैं। साथ ही शेष गांवों में सभी प्रक्रिया को पूरा करते हुए मालिकाना हक देने की प्रक्रिया अमल में लाई जा रही है। उन्होंने बताया कि स्वामित्व योजना के अनुरूप प्रशासनिक स्तर पर सभी प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से पूरा करते हुए ग्रामीणों को स्वामित्व योजना से जोडक़र लाभांवित किया जा रहा है। लाल डोरा मुक्त होने से गांव की संपत्ति को विशेष पहचान मिलने के साथ-साथ भू मालिकों को मालिकाना हक मिला है, जमीन की खरीद फरोख्त व सब पर ऋण लेने का अधिकार मिला है तथा इससे मालिकाना हक से सम्बंधित विवादों पर भी अंकुश लगेगा।