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Hisar : हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर बोले, कृषि अध्यादेशों से किसानों के अधिकार बढ़ेंगे

डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा ने यह बात पीडब्ल्यूडी बीएंडआर विश्राम गृह में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कृषि अध्यादेशों के प्रावधानों की विस्तृत जानकारी देते हुए कही।

Hisar : हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर बोले, कृषि अध्यादेशों से किसानों के अधिकार बढ़ेंगे
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हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा कृषि अध्यादेशों के बारे में जानकारी देते हुए।

हिसार। हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा ने कहा कि किसानों को नए अध्यादेशों से कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि इनके माध्यम से तो किसानों के अधिकार बढ़ेंगे और उनके हित सुरक्षित होंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि नए अध्यादेशों से न तो एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) में कटौती होगी, न मंडियों में आढ़तियों के माध्यमों से होने वाली खरीद बंद होगी। पूर्व में चल रहे प्रावधानों के साथ-साथ इन अध्यादेशों के माध्यम से किसानों को अपनी फसलें देश के किसी भी हिस्से में बेचने की आजादी मिलेगी। इसके लिए एक देश-एक बाजार की नीति लागू की जा रही है।

डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा ने यह बात पीडब्ल्यूडी बीएंडआर विश्राम गृह में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कृषि अध्यादेशों के प्रावधानों की विस्तृत जानकारी देते हुए कही। उन्होंने मीडिया कर्मियों के सवालों के जवाब देते हुए फसल खराबे की स्पेशल गिरदावरी, फसल खरीद प्रबंधों तथा किसानों से जुड़े सभी मुद्दों पर अपनी राय रखी।

डिप्टी स्पीकर ने कहा कि विस्तृत रूप में एक धारणा थी कि अन्य सभी व्यवसायी, औद्योगिक इकाइयां अपने उत्पाद का स्वयं मूल्य निर्धारण करते हैं जबकि किसान जी-तोड़ मेहनत करने के बावजूद अपनी फसल का मूल्य स्वयं निर्धारित नहीं कर सकता। नए अध्यायदेश में किसानों की फसलों के न्यूनतम मूल्यों को संरक्षित रखते हुए उन्हें कहीं भी अपनी शर्तों पर फसल को बेचने का अधिकार सरकार ने दिया है।

विपक्षी दलों के नेताओं के पास कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है

डिप्टी स्पीकर ने कहा कि विपक्षी दलों के नेताओं के पास कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है और वे अपनी राजनीतिक जमीन को बचाए रखने तथा केवल विरोध के लिए सरकार के फैसलों का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान व जागरूक नागरिकों को इन अध्यादेशों का अध्ययन करना चाहिए ताकि वे समझ सकें कि इनमें किसान विरोधी एक भी प्रावधान नहीं है और विपक्षी नेता केवल लोगों के बीच भ्रामक प्रचार करके किसानों को आंदोलन के लिए उकसा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल में खराब फसलों का मुआवजा देने के नाम पर किसानों को दो-दो, पांच-पांच रुपये के चेक देने वाले विपक्ष के नेता आज किसानों के हितैषी बने हुए हैं जो वास्तव में आश्चर्यजनक है।


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