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Ganesh Chaturthi 2021 : कल घर-घर विराजमान होंगे विध्नहर्ता, 59 साल बाद बन रहा ग्रहों का विशेष योग, जानें गणपति स्थापना का समय

इस बार गणपति स्थापना चित्रा नक्षत्र के ब्रह्मयोग में होगी। चित्रा नक्षत्र दोपहर 12:57 बजे तक रहेगा। उसके बाद स्वाती नक्षत्र प्रारंभ होगा।

Ganesh Chaturthi 2021 : कल घर-घर विराजमान होंगे विध्नहर्ता, 59 साल बाद बन रहा ग्रहों का विशेष योग, जानें गणपति स्थापना का समय
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बहादुरगढ़ में बनाई गई भगवान गणेश जी की प्रतिमाएं।

हरिभूमि न्यूज : बहादुरगढ़

देवों में प्रथम पूज्य भगवान गणेश की पूजा यूं तो हर शुभ काम में सबसे पहले की जाती है, लेकिन गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व है। शुक्रवार 10 सितंबर को गणेश चतुर्थी है। गणेश चतुर्थी पर 59 साल बाद ग्रहों का विशेष योग बन रहा है। तब चतुर्थी चित्रा नक्षत्र से शुरू हुई थी, इस बार भी चित्रा नक्षत्र से प्रारंभ हो रही है। ये पर्व सभी राशियों के लिए शुभ है। बाजार में भगवान गणेश की प्रतिमाओं के स्टाल सज गए हैं। पांच सौ रुपए से लेकर आठ हजार रुपए तक की प्रतिमाएं उपलब्ध हैं। पिछले वर्ष कोरोना काल में बिक्री को तरसे शिल्पियों ने विघ्नहर्ता से विघ्न हरने की आस लगा रखी है। उन्हें उम्मीद है कि इस बार गणपति की प्रतिमाएं अच्छी संख्या में बिकेंगी।

जी हां, शुक्रवार 10 सितंबर को गणेश चतुर्थी पर्व मनाया जाएगा। पंडित महेंद्र शर्मा के अनुसार इस दिन चंद्र तुला राशि में शुक्र साथ रहेगा और सूर्य, बुध, शनि, शुक्र ग्रह अपनी-अपनी राशि में रहेंगे। गुरु कुंभ राशि में रहेगा। तीन सितंबर 1962 को गणेश चतुर्थी चित्रा नक्षत्र से शुरू हुई थी। उस समय भी ग्रहों की यही योग बने थे। इस बार चतुर्थी तिथि नौ सितंबर की रात 12:18 बजे से प्रारंभ होकर 10 सितंबर की रात 9:97 बजे तक रहेगी। इस बार गणपति स्थापना चित्रा नक्षत्र के ब्रह्मयोग में होगी। चित्रा नक्षत्र दोपहर 12:57 बजे तक रहेगा। उसके बाद स्वाती नक्षत्र प्रारंभ होगा। साथ ही रवि योग भी सुबह 6:01 बजे से लेकर दोपहर 12:58 बजे तक रहने से भगवान गणेश की आराधना भक्तों को सुख, समृद्धि और सौभाग्य प्रदान करेंगी।

पिछले वर्ष कोरोना वायरस के संक्रमण का असर गणेश चतुर्थी पर देखने को मिला था। लेकिन इस बार माहौल बदला हुआ है। कोरोना संक्रमण थमा हुआ है। मंदिर भी खुले हुए हैं। दिल्ली रोहतक रोड समेत कई जगहों पर शिल्पकार भगवान गणेश की प्रतिमाएं लेकर बैठे हैं। गणपति की प्रतिमाओं के स्टाल भी सज रहे हैं। शिल्पकार हजारे ने बताया कि पिछले वर्ष बड़ी प्रतिमाओं के आर्डर नहीं मिले थे। छोटी प्रतिमाएं बनाई थीं, वो भी नहीं बिकी थीं। इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा बड़ी प्रतिमाएं बनाने के कुछ आर्डर मिले हैं। हालांकि, वर्ष 2019 की अपेक्षा आर्डर कम ही हैं। विघ्नहर्ता हमारी विघ्न हरेंगे। उम्मीद है कि इस बार ग्राहक आएंगे और बिक्री होगी।


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