Flower Farming : किसान राजपाल को गुलाब व गेंदे के फूलों की महक से ज्यादा मुनाफे की खुशबू
धौलू के किसान राजपाल मंगलाव ने बताया कि वे पिछले पांच वर्षों से गेंदा व गुलाब के फूलों की खेती कर रहे हैं। एक एकड़ में 15 हजार रुपये की लागत आती है। लगातार सालभर में कई क्विंटल उत्पादन मिल जाता है। 90 से 120 रुपये प्रति किलो तक फूल बिक जाते हैं। इस खेती से प्रति वर्ष लाखों रुपये प्रति एकड़ मुनाफा हो जाता है, लेकिन भाव में कमी के कारण यह मुनाफा कभी-कभी बराबर भी हो जाता है।

धौलू के किसान राजपाल मंगलाव अपने खेत में गुलाब के फूलों की खेती दिखाते हुए।
दलबीर सिंह भूना। धौलू गांव में किसानों का रुझान परंपरागत फसलों की बजाय फूलों की खेती की तरफ बढ़ रहा है। इन दिनों गुलाब व गेंदा फूल की खेती से ज्यादा मुनाफे की खुशबू आ रही है। इसकी खेती में एक एकड़ में प्रतिवर्ष चार लाख का मुनाफा हो रहा है। विवाह, स्वागत समारोह, धार्मिक समेत अन्य कार्यक्रमों में गुलाब व गेंदा फूलों की सबसे ज्यादा मांग रहती है। इसी से धौलू क्षेत्र में लगातार इसका रकबा बढ़ रहा है। परंपरागत खेती के बजाए उद्यानिकी खेती को अपनाकर अन्य फसलों से ज्यादा लाभ कमा रहा हैं।
धौलू के किसान राजपाल मंगलाव ने बताया कि वे पिछले पांच वर्षों से गेंदा व गुलाब के फूलों की खेती कर रहे हैं। एक एकड़ में 15 हजार रुपये की लागत आती है। लगातार सालभर में कई क्विंटल उत्पादन मिल जाता है। 90 से 120 रुपये प्रति किलो तक फूल बिक जाते हैं। इस खेती से प्रति वर्ष लाखों रुपये प्रति एकड़ मुनाफा हो जाता है, लेकिन भाव में कमी के कारण यह मुनाफा कभी-कभी बराबर भी हो जाता है। एक तरह देखा जाए तो इस खेती से नुकसान नहीं होता है।यहां का फूल फतेहाबाद, रतिया व भूना बेचा जाता है। दीपावली पर तो यह फूल बड़ी मंडियों तक भी जाता है। दिल्ली व हिसार में यहां से ज्यादा फूल भेजे जाते हैं। किसान फूलों को कई बड़ी मंडियों में बेच रहे हैं। यहां पानी की कमी है, वे सिर्फ फूलों की खेती पर ही निर्भर हैं। यही वजह है कि कई किसान गुलाब व गेंदे के फूलों की खेती करने लगे हैं। किसान ने बताया कि गुलाब का एक बार लगाया हुआ पौधा 20 वर्षों तक पैदावार देता है और खर्चा भी कुछ नहीं लगता। उन्होंने बताया कि मात्र फंगस बीमारी से बचाव के लिए सावधानी बरतनी पड़ती है। किसान ने बताया कि कीटनाशक छिड़काव नहीं करते, क्योंकि मित्र कीट मधुमक्खियां के लिए जान का खतरा बन जाता है। फूलों के पौधों के लिए मधुमक्खियां संजीवनी बूटी का काम करती हैं।
फायदे का सौदा है गुलाब व गेंदे की खेती
किसान राजपाल मंगलाव ने बताया कि गुलाब व गेंदे की खेती फायदे का सौदा है। हर वर्ष गुलाब व गेंदे के फूल से दोगुनी कमाई हो जाती है, मगर परंपरागत खेती में बचत नहीं है जो फूलों में हो रही है। फूलों की खेती से महक किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बना रही है। उन्होंने बताया कि फिलहाल कोहरे के कारण गेंदे के पौधों को नुकसान हुआ है, मगर गुलाब पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। किसान ने बताया कि गेंदे के अच्छे उत्पादन के लिए शीतोष्ण और समशीतोष्ण जलवायु अच्छी मानी जाती है। अधिक गर्मी एवं अधिक सर्दी पौधों के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है। इसके उत्पादन के लिए तापमान 15.30 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। प्रगतिशील किसान राजपाल मंगलाव ने बताया कि उच्च तापमान, अधिक ठंड एवं पाला का गेंदे की फसल पर विपरीत प्रभाव डालता है। इसलिए इससे फसल को बचाना बेहद जरूरी होता है।
किसान राजपाल मंगलाव को कृषि मंत्री ने प्रगतिशील किसान का अवार्ड देकर किया सम्मानित
गांव धौलू के किसान राजपाल मंगलाव को फूलों की खेती से आर्थिक रूप से समृद्ध होकर दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए। किसान ने परंपरागत खेती को छोड़कर 5 वर्ष पहले फूलों की खेती शुरू की थी। जिससे किसान राजपाल मंगलाव ने कई गुना मुनाफा कमाया। इसलिए 23 दिसंबर 2022 को किसान दिवस पर चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार में प्रगतिशील किसान का अवार्ड हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने देकर सम्मानित किया। किसान राजपाल ने फूलों की खेती से होने वाली आमदनी के बारे में भी दूसरे किसानों को विस्तार पूर्वक जागरूक किया।
लागत कम और मुनाफा ज्यादा
उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉक्टर सुभाष चंद्र का कहना है कि गुलाब व गेंदे की खेती वर्षभर की जा सकती है। फूलों की खेती फायदे का सौदा है। इसमें लागत कम और मुनाफा ज्यादा होता है। फूलों की खेती के लिए ऊंचे स्थान का चयन करना चाहिए। जिसमें समुचित जलनिकास हो और खेत का स्थान छाया रहित होना चाहिए। जिस जगह पर गेंदे की खेती करनी हो, वहां की मिट्टी को समतल किया जाना चाहिए।
चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार में किसान राज्यपाल को कृषि मंत्री जेपी दलाल प्रगतिशील किसान का अवार्ड देते हुए।