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रात को मोमबत्ती बुझाना भूले : झोपड़ी में आग लगने से मां-बाप और बच्चा झुलसा

शुक्रवार की रात को खाना खाने के बाद आहिर, उसकी पत्नी फोरिदा खातुन व दोनों बच्चे सो गए। इससे पहले इन्होंने रोशनी के लिए मोमबत्ती जला रखी थी। सोने से पहले मोमबत्ती बुझाना भूल गए। इसी वजह से झोपड़ी में आग लग गई।

रात को मोमबत्ती बुझाना भूले : झोपड़ी में आग लगने से मां-बाप और बच्चा झुलसा
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जीजा को लगाई आग

हरिभूमि न्यूज. बहादुरगढ़

गांव मांडोठी में रह रहा असम का एक परिवार दुर्घटना का शिकार हो गया। बीती देर रात को परिवार सो रहा था और झोपड़ी में आग लग गई। आग से पति-पत्नी और एक बालक झुलस गया। व्यक्ति को तो अस्पताल से छुट्टी मिल गई है लेकिन मां-बेटा की हालत गंभीर है। उन्हें पीजीआई रोहतक में भर्ती कराया गया है।

दरअसल, असम का निवासी करीब 48 वर्षीय आहिर अली कई साल पहले रोजगार के सिलसिले में हरियाणा आया था। इन दिनों वह गांव शादपुर (मांडोठी) में झोपड़ी डालकर रह रहा था। शुक्रवार की रात को खाना खाने के बाद आहिर, उसकी पत्नी फोरिदा खातुन व दोनों बच्चे सो गए। इससे पहले इन्होंने रोशनी के लिए मोमबत्ती जला रखी थी। सोने से पहले मोमबत्ती बुझाना भूल गए। इसी वजह से झोपड़ी में आग लग गई। जब तक परिवार की आंख खुलती, आग पूरी तरह से झोपड़ी में फैल चुकी थी।

आसपड़ोस के लोग इकट्ठे हुए। आग को दूसरी झोपड़ियों तक पहुंचने से रोकने के प्रयास शुरू किए। लोगों ने झोपड़ी में फंसे आहिर के परिवार को जैसे-तैसे बाहर निकाला। आहिर, फोरिदा व इनका बेटा मकसूद झुलस चुके थे। इन्हें नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया गया। पीजीआई में उपचार के बाद आहिर को छुट्टी मिल गई, लेकिर फोरिदा व मकसूद की हालत गंभीर है। सूचना मिलते ही मांडोठी चौकी से पुलिस पीजीआई रोहतक पहुंची। वहां आहिर के बयान लिए। मांडोठी चौकी पुलिस का कहना है कि सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच गए थे। पीड़ित परिवार व आसपास रह रहे अन्य लोगों से पूछताछ की।

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