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फतेहाबाद : ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल के विरोध में विधायक निवास के बाहर धरने पर बैठे सरपंच

धरने पर पहुंचे दर्जनों सरपंचों ने विधायक निवास के बाहर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रोष जताया। सरपंचों ने ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल का फैसला वापस लेने और सरपंचों की शक्तियां बहाल करने की मांग की। सरपंचों ने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती, उनका आंदोलन जारी रहेगा।

फतेहाबाद :  ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल के विरोध में विधायक निवास के बाहर धरने पर बैठे सरपंच
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विधायक निवास के बाहरनारेबाजी कर रोष जताते हुए सरपंच। 

हरिभूमि न्यूज़ : फतेहाबाद। ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल के विरोध में सरपंचों ने आंदोलन को तेज करते हुए मंगलवार को फतेहाबाद से भाजपा विधायक दुड़ाराम के भट्टू रोड स्थित निवास के बाहर धरना शुरू कर दिया है। धरने पर पहुंचे दर्जनों सरपंचों ने विधायक निवास के बाहर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रोष जताया। सरपंचों ने ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल का फैसला वापस लेने और सरपंचों की शक्तियां बहाल करने की मांग की। सरपंचों ने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती, उनका आंदोलन जारी रहेगा।

धरने को संबोधित करते हुए सरपंच एसोसिएशन के प्रदेश प्रवक्ता चन्द्रमोहन पोटलिया ने कहा कि ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल के खिलाफ प्रदेशभर में सरपंचों द्वारा 15 जनवरी से आंदोलन किया जा रहा है। जब से प्रदेश में नई पंचायतें चुनकर आई हैं, तब से मुख्यमंत्री और पंचायत मंत्री द्वारा सरपंचों को परेशान किया जा रहा है। उनके हक छीनने की कोशिश की जा रही है। इसके विरोध में सरपंचों द्वारा पहले खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालयों पर प्रदर्शन किया गया और आज से सरकार को समर्थन देने वाले विधायकों के निवास के बाहर सरपंचों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया है। जब तक ये विधायक सरपंचों की आवाज को विधानसभा और मुख्यमंत्री के समक्ष नहीं उठाते, जब तक सरपंचों का धरना जारी रहेगा। चन्द्रमोहन पोटलिया ने कहा कि ई-टेंडरिंग भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना का तरीका है। ई-टेंडरिंग के माध्यम से प्रदेश सरकार ग्राम पंचायतों में चोरों को घुसाने का काम कर रही है। ऐसा करके सरकार गांवों के विकास का पैसा अपने चहेतों को बांटना चाहती है जिसे सरपंच किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे और ई-टेंडरिंग को लागू नहीं होने दिया जाएगा।


उन्होंने कहा कि प्रदेश के पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली सरेआम सरपंचों को चोर बता रहे हैं लेकिन सरपंच उन्हें बताना चाहते हैं कि सरपंच चोर नहीं बल्कि चोरी रोकने वाले हैं। प्रदेश सरकार को कमीशनखोरी वाली सरकार बताते हुए चन्द्रमोहन पोटलिया ने कहा कि ई-टेंडरिंग से अगर 4 लाख का काम होगा तो उस पर 18 प्रतिशत जीएसटी कटेगा। जिससे पहले ही 4 लाख का काम 3 लाख का रह जाएगा। इसमें भी ठेकेदार जोकि बिजनेसमैन है तो उसमें से भी कुछ बचाने का प्रयास करेगा। ऐसे में गांवों में विकास कार्य ठप्प होकर रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने सरपंचों की समस्याओं का समाधान नहीं किया तो सरपंच एसोसिएशन कड़े फैसले लेने पर मजबूर होगी।

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