School Time : शिक्षा विभाग ने बच्चों को लू के थपेड़ों से बचाने के लिए जारी की एडवाइजरी, स्कूलों को अब ये करना होगा
प्रदेश के सभी स्कूल मुखियाओं को बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए सावधानी बरतने की हिदायत देते हुए कहा कि वे सुबह जल्दी बच्चों को स्कूलों में बुलाए और दोपहर होने से पहले ही उनको घरों में भेजना सुनिश्चित करें। ताकि बच्चों को किसी तरह की हीट वेव का शिकार न होना पड़े।

हरिभूमि न्यूज : भिवानी
शिक्षा विभाग ने स्कूली बच्चों को हीट वेव (लू के थपेड़े) से बचाने के लिए तैयारी पकड़ ली है। विभाग ने शिक्षकों को सुबह स्कूलों में जल्दी पहुंचने व दोपहर होने से पहले बच्चों को घरों पर भेजे जाने के निर्देश दिए है। साथ ही शिक्षा के अलावा अन्य गतिविधियां तेज धूप होने से पहले पूरी करवाई जाए। ताकि बच्चों को किसी प्रकार की कोई हीट वेव से होने वाली परेशानी न झेलनी पड़े। इसके अलावा शिक्षा विभाग ने प्रत्येक स्कूल में ओआरएस का घोल की उपलब्धता भी निहायत जरूरी करने के आदेश दिए है।
पहली बार शिक्षा विभाग ने लू के थपेड़ों से विद्यार्थियों को बचाने के लिए एडवाइजरी जारी की है। विभाग ने प्रदेश के सभी स्कूल मुखियाओं को बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए सावधानी बरतने की हिदायत देते हुए कहा कि वे सुबह जल्दी बच्चों को स्कूलों में बुलाए और दोपहर होने से पहले ही उनको घरों में भेजना सुनिश्चित करें। ताकि बच्चों को किसी तरह की हीट वेव का शिकार न होना पड़े। इसी तरह स्कूलों में सुबह के वक्त होने वाली प्रार्थना किसी कवरड क्षेत्र में कराई जाए, तेज धूप होने से पहले गैर शैक्षणिक गतिविधियां करवाई जाए। ताकि बच्चे पारा बढने से पहले ही उक्त गतिविधियां पूरी कर सके। रोजाना बच्चों को प्रार्थना के वक्त सिर पर कपड़ा ढकने, स्कूली वाहनों को छाया में खड़ा करने तथा धूप व गर्मी से बचने के लिए सावधानी बरतने पर जोर दिया। इस बारे में स्कूल के सभी शिक्षकों को इस बारे में सूचित करने को भी कहा गया है।
हर क्लास पीरियड में बच्चों को पानी पीने के लिए कहे
एडवाइजरी में कहा गया है कि शिक्षक बच्चों को हर पीरियड के शुरू होने व खत्म होने पर बच्चों को पानी पीने के लिए कहे। बच्चे घर से लाई गई बोतल का पानी पीए, अगर कोई बच्चा घर से पानी की बोत्तल नहीं लाता तो उस बच्चे को पानी पीने के लिए छुट्टी दी जाए। क्योंकि ज्यादा पानी पीने से ही हीट वेव से बचा जा सकता है। इनके अलावा स्कूलों में पीने के पानी की उचित व्यवस्था की जाए। जिससे बच्चों को पीने के लिए पर्याप्त पानी मिल सके।
हर स्कूल में उपलब्ध हो ओआरएस घोल
शिक्षा विभाग ने भेजे निर्देशों में कहा है कि प्रत्येक स्कूल में ओआरएस का घोल होना चाहिए। जब भी किसी बच्चे को हीट वेव की चपेट में आने का शक हो तो तत्काल ओआरएस का घोल दिया जाए। उसके बाद बच्चे को नजदीकी सरकारी अस्पताल, डिसपेंसरी या अन्य स्वास्थ्य केंद्र में ले जाना होगा। ताकि बच्चे को हीट वेव से बचने के लिए प्राथमिक उपचार मिल सके।
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