Dushyant Chautala बोले, उद्योगों को मिलेगी रियायतें, ताकि किसानों को मिल सकें फसलों के बेहतर दाम
हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने कहा कि राज्य सरकार हरियाणा के कृषि-व्यवसाय को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक बनाएगी।

चंडीगढ़। हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य सरकार हरियाणा के कृषि-व्यवसाय को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक (Competitive) बनाएगी, इसके लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। नई 'हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन नीति-2020' में भी खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित उद्योगों को विशेष रियायतें व सहूलियतें दी जाएंगी ताकि किसानों को अपनी उपज के दाम और बेहतर मिल सकें।
उप मुख्यमंत्री शुक्रवार को 'भारतीय उद्योग परिसंघ' द्वारा 'भारतीय कृषि में वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाने' के विषय पर आयोजित वैबिनार में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इस अवसर पर 'ब्रिटिश डिप्टी हाई कमीशन' के डिप्टी हाई कमीश्नर एंड्रयू आयरे, हरियाणा बागवानी विभाग के निदेशक अर्जुन सिंह सैनी समेत कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हरियाणा सरकार ने 'हरियाणा एग्री-बिजनेस एंड फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी' भी बनाई है। ताकि कृषि क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा निवेश हो सके। उन्होंने बताया कि सरकार फसलों के विविधिकरण (Diversification) पर जोर दे रही है ताकि किसान परंपरागत फसलों के अलावा अन्य ज्यादा आमदनी वाली फसलें उगा सकें। राज्य सरकार बागवानी, मत्स्य व अन्य कृषि क्षेत्रों में गुणवत्ता लाकर निर्यात बढ़ाना चाहती है। ताकि प्रदेश का किसान आर्थिक रूप से और अधिक सक्षम बन सके।
एग्री-बिजनेस को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिघंम के साथ कृषि क्षेत्र में तकनीक, शिक्षा का आदान-प्रदान व प्रशिक्षण कार्यक्रम पर एक समझौता भी किया है ताकि प्रदेश का कृषि-व्यवसाय उन्नत हो सके।
उन्होंने बताया कि हरियाणा में किसानों को उनकी सब्जियों के उचित भाव दिलाने के लिए 'भावांतर भरपाई योजना' शुरू की गई है। इससे किसानों को काफी फायदा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में टमाटर, आलू , किनू व मौसमी के उत्पादन को देखते हुए इनकी प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।