Devi Lal जयंती : ताऊ देवीलाल का जीवन और परिवार
हरियाणा के जनक कहे जाने वाले पूर्व उप प्रधानमंत्री स्व. ताऊ देवीलाल का आज 108वां जन्मदिवस है। उनका जन्म तेजाखेड़ा गांव में 25 सितंबर 1914 को हुआ था। देवीलाल जब पांच साल के थे, तब उनके पिता चौटाला गांव में आ गए थे।

स्वर्गीय जननायक चौधरी देवी लाल।
हरियाणा के जनक कहे जाने वाले पूर्व उप प्रधानमंत्री स्व. ताऊ देवीलाल का आज 108वां जन्मदिवस है। जननायक देवीलाल को किसानों के मसीहा, हरियाणा के जन्मदाता, महान स्वतंत्रता सेनानी, राजनीति के भीष्म-पितामह और करोड़ों भारतीयों के जननायक के रूप में ख्याति प्राप्त है। देवीलाल के पिता चौधरी लेख राम थे व माता श्रीमती शुंगा देवी। उनका जन्म तेजाखेड़ा गांव में 25 सितंबर 1914 को हुआ था। देवीलाल जब पांच साल के थे, तब उनके पिता चौटाला गांव में आ गए थे। वे दसवीं की पढ़ाई छोड़कर सन् 1929 से ही राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने लगे थे।
देवीलाल का परिवार
देवीलाल का विवाह 1926 में हरखी देवी के साथ हुआ। जिसके बाद उनके घर चार पुत्रों और एक पुत्री ने जन्म लिया। उनके पुत्र हैं ओमप्रकाश चौटाला, प्रताप चौटाला और रणजीत सिंह और जगदीश। वर्तमान में देवीलाल के कई नाती-पोते हरियाणा की राजनीति में सक्रिय हैं। देवीलाल के बड़े बेटे ओमप्रकाश चौटाला इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी के अध्यक्ष हैं और ओमप्रकाश के छोटे बेटे अभय चौटाला पार्टी के महासचिव हैं। अभय चौटाला ऐलनाबाद हलके से तीन बार विधायक रहे चुके हैं और वर्तमान में उन्होंने इस्तीफा दिया हुआ है। अभय के दो बेटे हैं कर्ण और अर्जुन। ओमप्रकाश के बड़े बेटे अजय चौटाला हैं, अजय के दो बेटे हैं दुष्यंत और दिग्विजय। दुष्यंत चौटाला ने इनेलो से अलग होकर दिसंबर 2018 में जननायक जनता पार्टी की नींव रखी। दुष्यंत चौटाला हिसार के सांसद रह चुके हैं और वर्तमान में हरियाणा के डिप्टी सीएम हैं। अजय चौटाला की पत्नी नैना चौटाला बाढड़ा हलके की विधायक हैं। देवीलाल के एक बेेटे रणजीत सिंह चौटाला वर्तमान में हरियाणा सरकार में मंत्री हैं।
राजनीतिक जीवन
भारत आजाद होने के बाद जब पहली बार देश में चुनाव हुए थे तब हरियाणा पंजाब राज्य का हिस्सा था। पंजाब में हुए विधानसभा चुनावों में ताऊ देवीलाल 1952 में पहली बार पंजाब विधानसभा के सदस्य और 1956 में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए थे। वे उसके बाद 1957 तथा 1962 में भी पंजाब विधानसभा के सदस्य रहे। ताऊ देवीलाल ने 1962 से 1966 तक हरियाणा को पंजाब से अलग राज्य बनवाने में निर्णायक भूमिका निभाई थी। वे 1971 तक कांग्रेस में थे और 1977 में जनता पार्टी में आ गए। देवी लाल ने 1977 से 1979 तथा 1987 से 1989 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में देश को एक नई राह दिखाई। उन्होंने केन्द्र में प्रधानमंत्री के पद को ठुकराकर एक नया आयाम स्थापित किया था।
6 अप्रैल, 2001 को मृत्यु
राज्यसभा का सदस्य रहते हुए ही 6 अप्रैल, 2001 को चौधरी देवीलाल का निधन हो गया था। उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में यमुना नदी के तट पर चौधरी चरण सिंह की समाधि किसान घाट के पास संघर्ष स्थल पर किया गया था।