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कृषि विशेषज्ञों की किसानों को सलाह : गेहूं व सरसों फसल के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता बदलता मौसम, ये करें उपाय

कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वो लगातार खेतों का भ्रमण करते रहें और नीम से बने कीटनाशक का प्रयोग करें।

कृषि विशेषज्ञों की किसानों को सलाह : गेहूं व सरसों फसल के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता बदलता मौसम, ये करें उपाय
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हरिभूमि न्यूज. जींद। समय से पहले तापमान में लगातार हो रही वृद्धि गेहूं व सरसों फसल के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। पिछले एक सप्ताह से तापमान 25 डिग्री के आसपास चल रहा है। अगर तापमान में इसी तरह वृद्धि होती रही तो यह गेहूं व सरसों फसल में बीमारी ला देगा। जो किसानों के लिए परेशानी का सबब बनेगा और उत्पादन भी कम होगा। हालांकि किसान इस समय एक अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं। अगर बारिश होती है तो यह दोनों ही फसलों के लिए सोने पर सुहागा साबित होगी। ऐसे में कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वो लगातार खेतों का भ्रमण करते रहें और नीम से बने कीटनाशक का प्रयोग करें।

मौसम में अचानक से बदलाव आया है और पारा 25 डिग्री तक पहुंच गया है। मौसम में हुए इस बदलाव का प्रभाव फसलों पर पड़ सकता है। सबसे ज्यदा प्रभाव सरसों विशेषकर पछेती बुआई की फसल पर चेपा कीट आक्रमण कर सकता है। क्योंकि यह मौसम चेपा कीट के लिए बिल्कुल अनुकूल है। अगर चेपा कीट का आक्रमण होता है तो खेतों में विकसित हो रही सरसों व गेहूं की फसल को नुकसान पहंुचाएगा। इसके अलावा तापमान में बढ़ोत्तरी से गेहूं की फसल में दीमक व सरसों चेपा की गिरफ्त में आ सकती है और उत्पादन को प्रभावित कर सकती है। जिले में किसानों ने लगभग सवा लाख हेक्टेयर से अधिक में में गेहूं तथा 10 हजार हेक्टेयर से अधिक में सरसोंकी बिजाई की हुई है।

किसान लगातार करें खेतों का दौरा

बदलते मौसम में गेहूं व सरसों फसल पर कीटों का आक्रमण न हो, इसके लिए कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को फसलों की नियमित रूप से निगरानी करते रहने की सलाह दी है ताकि फसल में लगने वाले रोगों का समय पर नियंत्रण किया जा सके और नुकसान से बचा सके। अभी गेहूं फसल में अल व चेपा दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसे में सरसों उत्पादक किसानों को विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। फसल में अल या अन्य परजीवी देखने पर किसान कृषि विशेषों से सलाह ले सकते हैं। अगर गेहूं में कहीं पर निशान दिखाई दे रहे है तो उनकी फूंगल को तोड़ दें।

अल परजीवी दिखने पर तुरंत करें कीटनाशक का प्रयोग

दिन में तापमान ऊंचा जा रहा है तो रात को तापमान में गिरावट हो रही है। जिसके चलते नमी भी बढ़ रही है। जिसका सीधा असर फसलों पर पडता है। अगर बीमारी के लक्ष्ण दिखाई देते हैं तो कीटनाशक का प्रयोग करें। अगर बारिश होती है तो फसलों में बीमारी हट जाएगी।

किसान लगातार खेतों का भ्रमण करें : डा. राजेश

कृषि विभाग के मौसम वैज्ञानिक डा. राजेश ने बताया कि मौसम बीमारियों के अनुकूल बना हुआ है। किसान लगातार खेतों का भ्रमण करते रहें। अगर अल परजीवी दिखे तो कीटनाशक का प्रयोग करें। किसान लगतार सरसों के फूलों व पत्तों को भी देखते रहें। जरूरत के हिसाब से फसलों में सिंचाई करें।

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