Toolkit Case: पटियाला हाउस कोर्ट से दिशा रवि को मिली जमानत, भरना होगा इतना फाइन
Toolkit Case: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की हिरासत की मियाद खत्म होने के बाद दिल्ली कोर्ट में पेश किया गया। यहां से न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने दिशा की जमानत अर्जी मंजूर कर ली। जिसके बाद दिशा को सशर्त जमानत दे दी।

पटियाला हाउस कोर्ट से दिशा रवि को मिली जमानत
किसान आंदोलन के टूलकिट मामले में आरोपी चल रही पर्यावरण विद दिशा रवि (Disha Ravi) को राहत मिल गई है। क्योंकि एक दिन की कस्टडी खत्म होने के बाद दिशा रवि को पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) से 1 लाख के मुचलके पर जमानत मिल गई है। आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की हिरासत की मियाद खत्म होने के बाद दिल्ली कोर्ट में पेश किया गया। यहां से न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने दिशा की जमानत अर्जी मंजूर कर ली। जिसके बाद दिशा को सशर्त जमानत दे दी।
टूलकिट मामला: पटियाला हाउस कोर्ट के सत्र न्यायालय ने दिशा रवि की जमानत याचिका को अनुमति दी।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 23, 2021
कोर्ट के फैसले पर दिशा के वकील ने यह कहा कि परिवार यह फाइन भरने में सक्षम नहीं है। दिल्ली पुलिस ने अदालत में बताया कि दिशा रवि ने सारे आरोप शांतनु-निकिता पर डाल दिए हैं, ऐसे में वो उन तीनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करना चाहती हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से अदालत को जूम मीटिंग की जानकारी दी गई, जिसका संबंध टूलकिट बनाने और आगे बढ़ाने से है।
टूलकिट मामला: दिशा रवि को एक दिन की पुलिस हिरासत के बाद पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। pic.twitter.com/xijydqhFo2
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 23, 2021
इससे पहले, मामले में गिरफ्तार पर्यावरण विद दिशा रवि और इंजीनियर शांतनु को पूछताछ के लिए दिल्ली पुलिस साइबर सेल के दफ्तर में लाया गया है। ये पहला मौका है जब दिशा रवि और शांतनु का आमना-सामना हो रहा है। वहीं दिशा के सामने शांतनु से पूछताछ चल रही है। इससे पहले, दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दिशा रवि को आगे की पूछताछ के लिए एक दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया था।
वहीं, दिल्ली पुलिस ने अदालत से इस मामले में अन्य सह-आरोपियों से दिशा का आमना-सामना कराने की बात कही थी, जिसके बाद कोर्ट ने पुलिस को दिशा से एक दिन की पुलिस रिमांड में पूछताछ करने की अनुमति दे दी थी। पुलिस ने आरोप लगाया था कि 'टूलकिट' कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन की आड़ में भारत में अशांति पैदा करने और हिंसा फैलाने की एक वैश्विक साजिश का हिस्सा था।