दिल्ली में कोरोना महामारी के बीच रामलीला की तैयारियां शुरू, सरकार की अनुमति का इंतजार
रामलीला समितियों का मानना है कि छोटे स्तर पर ही सही, उन्हें इस साल कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति दी जानी चाहिए। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू होने को ध्यान में रखते हुए ऐसा करना चाहिए। यदि इस बार दशहरा उत्सव होता है तो रामलीला समितियों की येाजना रावण, कुंभकरण और मेघनाद के साथ कोरोना वायरस का पुतला दहन करने की भी है।

राजधानी में रामलीला समितियों ने अक्टूबर में होने वाले 10 दिनों के दशहरा उत्सव से पहले अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। हालांकि, वे कोरोना महामारी के बीच इस कार्यक्रम के लिये सरकार से उन्हें अनुमति मिलने को लेकर आश्वस्त नहीं हैं। कुछ दिन पहले दिल्ली भाजपा प्रमुख आदेश गुप्ता ने यह सुनिश्चित किया था कि रामलीला के आयोजन के दौरान 100 से अधिक लोग उपस्थित नहीं होंगे। लेकिन ज्यादातर मामलों में समस्या यह है कि 100 से ज्यादा तो कलाकार ही हो जाते हैं जो रामलीला का हिस्सा हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि वे लोग शहर की सरकार से अनुमति मिलने और उस स्थिति में आयोजन के लिये दिशानिर्देशों का इंतजार कर रहे हैं।
कोरोना के पुतला का होगा दहन
रामलीला समितियों का मानना है कि छोटे स्तर पर ही सही, उन्हें इस साल कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति दी जानी चाहिए। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू होने को ध्यान में रखते हुए ऐसा करना चाहिए। यदि इस बार दशहरा उत्सव होता है तो रामलीला समितियों की येाजना रावण, कुंभकरण और मेघनाद के साथ कोरोना वायरस का पुतला दहन करने की भी है। श्रीराम धार्मिक लीला कमेटी, त्री नगर के महासचिव अनिल गर्ग ने कहा कि इस साल राम मंदिर निर्माण के लिये भूमि पूजन हुआ है। उन्होंने कहा कि पीतमपुरा में हम रोज साढ़े तीन घंटे संपूर्ण रामायण का मंचन करेंगे और इसमें थियेटर कलाकार होंगे। हम कोशिश और सुनिश्चित करेंगे कि कम से कम हम यह कर सकें।
100 लोगों के एकत्र होने की हो सकती है अनुमति
लाल किला के पास वाले लव कुश रामलीला कमेटी के अर्जुन कुमार ने कहा कि यदि सरकार 100 लोगों के एकत्र होने की अनुमति देती है तो हम प्रतिदिन बस भगवान राम की पूजा अर्चना ही कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि रामललीला कमेटी के करीब 100 पदाधिकारी हैं। कलाकारों के बीच सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना मुश्किल होगा और उन्हें मास्क पहन कर अभिनय करने में भी मुश्किल होगी। देखते हैं यह कैसे होता है।
कुमार ने कहा कि उन्होंने आयोजन स्थल के लिये आवेदन दिया है और यह देखा जाना बाकी है कि क्या सरकार अनुमति देती है और किन शर्तों पर देती है। रामलीला कमेटियों को दिल्ली पुलिस से भी अनुमति लेने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि जो कुछ भी होगा वह छोटे स्तर पर ही होगा। साथ ही, यदि अनुमति नहीं मिलती है तो हम पिछले साल की रामलीला का अपने यूट्यूब चैनल पर प्रसारण कर सकते हैं। यदि अनुमति मिलती है और ज्यादा लोगों के एकत्र होने की संभावना नहीं होगी तो हम किसी धार्मिक टीवी चैनल से गठजोड़ करेंगे और इस साल की रामलीला का प्रसारण उसके जरिये करेंगे।