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एनजीटी ने प्रदूषण फैलाने का आरोप लगाने वाली याचिका पर डीडीए से जवाब मांगा

पीठ ने कहा कि डीडीए एक महीने के भीतर अपना जवाब दाखिल करे और ऐसा न करने पर अधिकरण के पास राष्ट्रीय हरित अधिकरण कानून 2010 की धारा 25 के तहत केवल बलपूर्वक कार्रवाई करने का एक तरीका बचता है। जवाब ई-मेल के जरिए दिया जाए।

एनजीटी ने प्रदूषण फैलाने का आरोप लगाने वाली याचिका पर डीडीए से जवाब मांगा
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एनजीटी और डीडीए

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को एक याचिका को लेकर जवाब तलब किया है। याचिका पर आरोप लगाया गया है कि पूर्वी दिल्ली में एक झील को नौका सेवा के संचालन से प्रदूषित किया जा रहा है। जिससे वातावरण दूषित हो रहा है जिससे आने वाले समय में दिल्ली की हालत और खराब हो जाएगी।

एनजीटी अध्यक्ष न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस पर भी संज्ञान लिया कि उसके आदेशों का उल्लंघन कर पेड़ों के आसपास जमीन को कंक्रीट बनाने का काम चल रहा है।

पीठ ने कहा कि डीडीए एक महीने के भीतर अपना जवाब दाखिल करे और ऐसा न करने पर अधिकरण के पास राष्ट्रीय हरित अधिकरण कानून 2010 की धारा 25 के तहत केवल बलपूर्वक कार्रवाई करने का एक तरीका बचता है। जवाब ई-मेल के जरिए दिया जाए।

याचिकाकर्ता के अनुसार उसने अधिकारियों के समक्ष प्रतिवेदन दिया था लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं की गई। दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम ने पीठ को बताया कि झील में नौकाओं के संचालन से कोई प्रदूषण नहीं हो रहा है और न ही आदेशों का उल्लंघन कर पेड़ों के आस पास जमीन के कंक्रीट बनाने का काम चल रहा है।

एनजीटी का आदेश शहर के निवासी आर पी सिंघल की याचिका पर आया है जिसमें आरोप लगाया गया है कि मयूर विहार के समीप स्थित संजय झील पार्क को प्रदूषित किया जा रहा है। याचिका में कहा गया है कि एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन करते हुए पेड़ों के आसपास जमीन को कंक्रीट बनाने का काम चल रहा है।

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