GNCTD एक्ट को लेकर मनीष सिसोदिया ने केंद्र पर साधा निशाना, दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल में फिर छिड़ सकती है जंग
मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार को बनाने के कानून (GNCTD एक्ट) में बदलाव करके केंद्र सरकार अब उपराज्यपाल को इतनी शक्ति देने जा रही है कि वो दिल्ली की चुनी हुई सरकार के काम रोक सकें। दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास अब फैसले लेने की शक्ति नहीं होगी।

GNCTD एक्ट को लेकर मनीष सिसोदिया ने केंद्र पर साधा निशाना
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कहा कि आज कुछ मीडिया रिपोर्ट से पता चला कि केंद्र सरकार ने कल बहुत गोपनीय तरीके से दिल्ली में चुनी हुई सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के अधिकार कम करके उनको उपराज्यपाल को देने का एक कानून पास किया है। उन्होंने कहा कि सरकार को बनाने के कानून (GNCTD एक्ट) में बदलाव करके केंद्र सरकार (Central Government) अब उपराज्यपाल (Delhi Lieutenant Governor) को इतनी शक्ति देने जा रही है कि वो दिल्ली की चुनी हुई सरकार के काम रोक सकें। दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास अब फैसले लेने की शक्ति नहीं होगी।
केंद्र सरकार ने संविधान और सुप्रीम कोर्ट की सवैंधानिक पीठ के उलट जाते हुए फैसला लिया है कि दिल्ली के लोगों द्वारा चुनी हुई सरकार के बावजूद LG के पास निर्णय लेने का अधिकार होगा।
— AAP (@AamAadmiParty) February 4, 2021
भाजपा पिछले दरवाजे से संविधान के खिलाफ जाकर दिल्ली की जनता पर शासन करना चाह रही है- @msisodia pic.twitter.com/veNvBzBHqq
आपको बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट द्वारा एक बिल को मंजूरी दी गई है जिससे दिल्ली के उपराज्यपाल के अधिकारों में बढ़ोतरी होगी। अब इस फैसले ने एक बार फिर राजधानी दिल्ली में सरकार बनाम उपराज्यपाल की जंग को छेड़ दिया है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर आरोप लगाया और कहा कि बीजेपी पिछले दरवाजे से दिल्ली में शासन करना चाहती है। मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली में चुनी हुई सरकार के अधिकार को छीनने का काम किया और एलजी को देने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने गोपनीय तरीके से दिल्ली के चुने हुए मुख्यमंत्री और मंत्रियों के अधिकार छीनकर LG को देने के लिए GNCTD ACT में बदलाव किया है। अब दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास निर्णय लेने की शक्ति नहीं होगी। केंद्र सरकार का कदम लोकतंत्र की आत्मा और संविधान के भी खिलाफ है। केंद्र सरकार ने संविधान और सुप्रीम कोर्ट की सवैंधानिक पीठ के उलट जाते हुए फैसला लिया है कि दिल्ली के लोगों द्वारा चुनी हुई सरकार के बावजूद एलजी के पास निर्णय लेने का अधिकार होगा। भाजपा पिछले दरवाजे से संविधान के खिलाफ जाकर दिल्ली की जनता पर शासन करना चाह रही है