पर्यावरण मंत्री ने फारेस्ट कवर के मामले में दिल्ली को बताया नंबर वन, कहा- लगाए गए पौधों में...
वन अनुसंधान संस्थान (Forest Research Institute) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए दिल्ली सरकार (Government of Delhi) के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को कहा कि 2016 से 2019 के बीच दिल्ली में लगाए गए 67 लाख पौधों में से करीब 80 फीसदी जीवित हैं।

वन अनुसंधान संस्थान (Forest Research Institute) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए दिल्ली सरकार (Government of Delhi) के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को कहा कि 2016 से 2019 के बीच दिल्ली में लगाए गए 67 लाख पौधों में से करीब 80 फीसदी जीवित हैं। उन्होंने कहा है कि शाहदरा क्षेत्र के नार्थ डिवीजन (North Division) में इन तीन वर्षों में पौधों के जीवित रहने की दर 80.21 प्रतिशत है।
अलीपुर रेंज, जो पश्चिम डिवीजन ( West Division) में आती है, उसकी जीवित रहने की दर 78.5 प्रतिशत है। वही नजफगढ़ रेंज में पौधों की जीवित रहने की दर 75.68 प्रतिशत और दक्षिण मंडल महरौली में 72 प्रतिशत, असोला भाटी चरण -1 में 76 प्रतिशत, असोला भाटी चरण-2 में 81.33 प्रतिशत है। पर्यावरण मंत्री ने आगे कहा कि सरकार एफआरआई (FRI) से पिछले दो साल में लगाए गए पौधों का ऑडिट करने को भी कहेगी।
उन्होंने बताया कि हमने एफआरआई को 2016 से 2019 तक लगाए गए पौधों का ऑडिट करने को कहा था। हमें जनवरी में रिपोर्ट मिली थी। इसके अनुसार दिल्ली में 2016-17, 2017-18 और 2018-19 के वृक्षारोपण (Plantation) में पौधों की उत्तरजीविता दर 75 से 80 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि 2016 से 2019 के बीच दिल्ली में करीब 67 लाख पौधे लगाए गए थे।
वहीं वित्तीय वर्ष 2021-22 में दिल्ली को 31 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य था, जिसमें से अब तक 32 लाख से ज्यादा पौधे लगाए जा चुके हैं। अगले वर्ष पौधारोपण के लिए मिट्टी परीक्षण कर उसी के अनुरूप पौधारोपण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एफआरआई द्वारा किए गए थर्ड पार्टी ऑडिट (Third Party Audit) के आधार पर पहले बताया गया था कि 2016 से 2019 के बीच दिल्ली में लगाए गए पौधों की जीवित रहने की दर 50 से 75 फीसदी के बीच थी, जो अच्छा माना जाता है। वन विभाग जांच से नाखुश था और उसने एफआरआई को इस पर फिर से गौर करने को कहा था।