Delhi Coronavirus: दिल्ली में कोरोना के मामलों में भारी गिरावट, पॉजिटिविटी रेट 0.04 प्रतिशत दर्ज, जानें पिछले 24 घंटे के आंकड़े
Delhi Coronavirus: दिल्ली में इस समय 377 सक्रिय मामले है। जिनका अलग-अलग जगहों पर इलाज चल रहा है। वहीं नए मामले के साथ ही दिल्ली में कुल संक्रमितों की संख्या 14,38,250 हो गई हैं। जिसमें से अभी तक 14,12,790 मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। इस महामारी से दिल्ली में अब तक कुल 25,083 लोगों की मौतें हो चुकी है।

दिल्ली में कोरोना के मामलों में भारी गिरावट, पॉजिटिविटी रेट 0.04 प्रतिशत दर्ज
Delhi Coronavirus दिल्ली में कोरोना के मामलों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि मामले रोज आ रहे है। लेकिन संक्रमण से पिछले कई दिनों से किसी की मौत (Delhi Corona Death) नहीं हुई है। वहीं, पॉजिटिविटी रेट (Positive Rate) में भी कमी आई है। इस बीच, दिल्ली में पिछले 24 घंटे कोरोना संक्रमण के 17 नए मामले सामने आए हैं। वहीं इस महामारी को एक दिन में 30 मरीजों ने मात दे दी। जबकि संक्रमण से पिछले 24 घंटे में किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई। स्वास्थ्य विभाग (Health Minister) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण की दर 0.04 प्रतिशत दर्ज की गई।
दिल्ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 17 नए मामले आए, 30 रिकवरी हुईं। इस दौरान कोविड-19 से किसी की मौत नहीं हुई। #COVID19
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 13, 2021
सक्रिय मामले: 377
कुल मामले: 14,38,250
कुल रिकवरी: 14,12,790
कुल मौतें: 25,083 pic.twitter.com/qiaEVqGevG
दिल्ली में इस समय 377 सक्रिय मामले है। जिनका अलग-अलग जगहों पर इलाज चल रहा है। वहीं नए मामले के साथ ही दिल्ली में कुल संक्रमितों की संख्या 14,38,250 हो गई हैं। जिसमें से अभी तक 14,12,790 मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। इस महामारी से दिल्ली में अब तक कुल 25,083 लोगों की मौतें हो चुकी है। उधर, दिल्ली में सितंबर में अब तक कोविड-19 से केवल एक मरीज की मौत हुई है। दिल्ली में एक दिन में 40 हजार के ज्यादा लोगों के टेस्ट किए गए है। इनमें से 14.12 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं।
इससे पहले, एम्स प्रमुख रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने स्वास्थ्य क्षेत्र समेत जिन सामाजिक असमानताओं को उजागर किया है, उसे दूर करने की जरूरत है। भारत सोका गकाई (बीएसजी) की ओर से आयोजित एक ऑनलाइन शांति संगोष्ठी के दौरान एम्स प्रमुख ने यह टिप्पणी की। गुलेरिया को एक बयान में यह कहते हुए उद्धृत किया गया कि किसी को पीछे न छोड़ो की अवधारणा इस महामारी काल में सबसे ज्यादा प्रासंगिक है और महामारी ने प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे और स्वास्थ्य क्षेत्र तथा शिक्षा क्षेत्र में जिस तरह की सामाजिक विषमता को उजागर किया है, उन्हें दूर करने की जरूरत है।