दिल्ली : रेलवे लाइन के किनारे रहने वाले लोगों के पक्ष में आए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन, सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने के अंदर लगभग 48 हजार झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने का आदेश दिया है। यह नोटिस 14 सितंबर तक झुग्गियों को खाली करने के लिए चिपकाया गया है।

दिल्ली में रेलवे लाइन के किनारे बनी झुग्गियों को सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने के अंदर हटाने का आदेश जारी किया है। इससे करीब 3 से 4 लाख लोगों पर बेघर होने का खतरा मंडराने लगा है।
अब जानकारी मिल रही है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन झुग्गियों में रहने वाले लोगों के हक के लिए सामने आए हैं। बता दें कि इस मामले में अजय माकन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
रेलवे और दिल्ली सरकार को निर्देश देने का अनुरोध
अजय माकन ने कहा है कि झुग्गियां हटाने से वहां रहने वाले लोग बेघर हो जाएंगे। ऐसे में वहां रहने वाले लोगों के रहने के लिए कोई और व्यवस्था की जाए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि इस बारे में दिल्ली सरकार, रेलवे बोर्ड और दिल्ली शहरी आवास सुधार बोर्ड को निर्देश दिए जाएं।
उन्होंने कहा कि झुग्गियां हटाने के मामले में दिल्ली सरकार ने न ही वहां रहने वाली आबादी का सर्वे किया, और न ही इसके बारे में न्यायालय के सामने कोई तथ्य पेश किया गया। इसके अलावा इस वक्त पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में है। अगर ऐसे में बिना उनके रहने की व्यवस्था किए झुग्गियों को गिराया जाता है तो कोरोना वायरस के फैलने का खतरा भी बढ़ जाएगा।
साथ ही याचिका में ये भी कहा गया है कि झुग्गियों में रहने वाले लोगों को भी अपना पक्ष रखने का अधिकार है। इसके लिए अजय माकन ने 1986 की संविधान पीठ के फैसले का हवाला दिया है।
14 सितंबर तक झुग्गियों को हटाने के निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने के अंदर लगभग 48 हजार झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने का आदेश दिया है। यह नोटिस 14 सितंबर तक झुग्गियों को खाली करने के लिए चिपकाया गया है।
बता दें कि हाल ही में अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली-एनसीआर में 140 किलोमीटर लंबी रेल पटरियों के आसपास बनी झुग्गियां हटाई जाएं। कोर्ट ने ये भी निर्देश दिया कि कोई भी अदालत झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने पर स्टे नहीं देगी।