गुंडों की पहुँच इतनी की लूट-पाट करने थाने ले गए पीड़ितों को, थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया, 20 हजार लूटे
बलौदाबजार में लूट का हैरत अंगेज मामला सामने आया है। बदमाश इतने ज्यादा दबंग हो गए हैं कि दूसरों को चोर बताकर पुलिस के सामने ही लूट रहे हैं। तीन युवकों ने खुद को पुलिसकर्मी बता दो मजदूरों को रोका और उनसे 20 हजार रुपए छीन लिए। मजदूरों ने विरोध किया तो दोनों को हथबंद पुलिस चौकी ले गए। वहां प्रभारी के सामने ही बेल्ट से पीटा। पढ़िए हैरान करने वाली खबर।

पलारी। बलौदाबजार में पुलिस की शह पर ही गुंडागर्दी और लूट हो रही है। बदमाश इतने ज्यादा दबंग हो गए हैं कि दूसरों को चोर बताकर पुलिस के सामने ही लूट रहे हैं। तीन युवकों ने खुद को पुलिसकर्मी बता दो मजदूरों को रोका और उनसे 20 हजार रुपए छीन लिए। मजदूरों ने विरोध किया तो दोनों को हथबंद पुलिस चौकी ले गए। वहां प्रभारी के सामने ही बेल्ट से पीटा। पुलिस चौकी में बेल्ट और पट्टे से पिटाई की वज़ह से पीठ पर पड़े निशान साफ़ देखे जा सकते हैं। मामला सामने आने के बाद दबाव बढ़ता देख पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बुधवार देर शाम तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं SP ने चौकी प्रभारी और हेड कॉन्स्टेबल राजेंद्र नेताम को सस्पेंड कर दिया है। अपने आदेश में SP ने लिखा है कि प्रभारी की उपस्थिति में पुलिस सहायता केंद्र में मारपीट की घटना घटित होने के उपरांत भी आरोपियों को नहीं रोकने के लिए हथबंद पुलिस सहायता केंद्र प्रभारी हेड कॉन्स्टेबल राजेंद्र नेताम को निलंबित किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, घटना 16 नवंबर की रात करीब 11 बजे की है। हरियाणा निवासी हार्वेस्टर संचालक इंद्रजीत सिंह अपने दोस्त पर्छदीप के साथ काम से लौट रहा था। इसी दौरान हथबंद के तिगड्डा चौक पर तीन युवकों सत्य प्रकाश देवांगन, तरुण पांसे और गिरीश वर्मा ने उन्हें रोक लिया। खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए तीनों ने कहा कि तुम लोग बाइक चोरी करते हो। फिर पुलिस कार्रवाई का डर दिखाते हुए उनसे मारपीट शुरू कर दी। इस बीच एक आरोपी ने इंद्रजीत के बैग में रखे 20 हजार रुपए भी लूट लिए। इंद्रजीत और पर्छदीप ने इसका विरोध किया तो तीनों आरोपी उन्हें पकड़ कर हथबंद पुलिस चौकी ले गए। वहां पुलिसकर्मियों के सामने ही उनकी बेल्ट और पट्टे से बुरी तरह से पिटाई कर दी। इसके चलते उनकी पीठ पर गंभीर निशान पड़ गए हैं। किसी तरह वहां से निकले दोनों मजदूरों ने इसकी जानकारी अन्य लोगों और पुलिस अफसरों को दी।