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सफर से अब भी परहेज, फ्लाइट 40, बस 60 और ट्रेनों में केवल 15 फीसदी यात्री

कोरोना की दूसरी लहर भले खत्म हो गई हो, मगर संक्रमण की दहशत से प्रदेश का पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम अब तक नहीं उबर पाया है। अभी भी फ्लाइट, ट्रेन और बसों का परिचालन सामान्य नहीं हो सका है। अभी भी संक्रमण का डर और यात्रा के नियमों में सख्ती की वजह से यात्री परिवहन साधनों से दूर हैं। वर्तमान में फ्लाइट में चालीस फीसदी, ट्रेनों में 15 प्रतिशत और बसों में साठ फीसदी यात्री ही सफर कर रहे हैं। सोलह माह पहले जब कोरोेना का जिक्र शुरु नहीं हुआ था, तब दूसरे शहरों से आवाजाही करने वालों की संख्या काफी अधिक होती थी।

सफर से अब भी परहेज, फ्लाइट 40, बस 60 और ट्रेनों में केवल 15 फीसदी यात्री
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रायपुर. कोरोना की दूसरी लहर भले खत्म हो गई हो, मगर संक्रमण की दहशत से प्रदेश का पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम अब तक नहीं उबर पाया है। अभी भी फ्लाइट, ट्रेन और बसों का परिचालन सामान्य नहीं हो सका है। अभी भी संक्रमण का डर और यात्रा के नियमों में सख्ती की वजह से यात्री परिवहन साधनों से दूर हैं। वर्तमान में फ्लाइट में चालीस फीसदी, ट्रेनों में 15 प्रतिशत और बसों में साठ फीसदी यात्री ही सफर कर रहे हैं। सोलह माह पहले जब कोरोेना का जिक्र शुरु नहीं हुआ था, तब दूसरे शहरों से आवाजाही करने वालों की संख्या काफी अधिक होती थी।

ट्रेन, बस, फ्लाइट पूरी क्षमता के साथ आवाजाही करते थे। कोरोना ने जब असर दिखाया तो तमाम व्यवस्थाओं के बावजूद पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम ध्वस्त होकर रह गया। कोरोना की दूसरी लहर समाप्त होने के बाद धीरे-धीरे सामान्य जनजीवन पटरी पर लौटने लगा है, मगर परिवहन व्यवस्था को सामान्य होने में काफी वक्त लगने की संभावना है। वर्तमान में कोई भी बहुत ज्यादा जरुरी होने पर ही सफर कर रहा है। जहां तक हो सके यात्री अपने निजी वाहनों से ही गंतव्य तक जाने में सुविधा महसूस कर रहे हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम का उपयोग अंतिम विकल्प बन गया है।

अभी 18 फ्लाइट

एयरपोर्ट डायरेक्टर राकेश रंजन सहाय के मुताबिक स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट से सामान्य दिनों में रोजाना तीस फ्लाइट्स का संचालन होता था। वर्तमान स्थिति में यहां से 18 फ्लाइट ही आवाजाही करती है। पहले माहभर में करीबन दो लाख यात्री अपना सफर पूरा करने एयरपोर्ट का उपयोग किया करते थे, जिनकी संख्या माहभर में अस्सी हजार के आसपास है। वर्तमान में सर्वाधिक आठ उड़ाने दिल्ली के लिए हैं। अभी भी फ्लाइट में 65 प्रतिशत यात्रियों का नियम लागू है, जिसकी वजह से यात्रियों की संख्या कम है। आने वाले दिनों में आवाजाही सामान्य होने के बाद यात्रियों की संख्या बढ़ने का अनुमान है। वर्तमान में रायपुर एयरपोर्ट से दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बैंगलोर, हैदराबाद, इलाहाबाद, इंदौर के लिए फ्लाइट संचालित हो रही है। अगले तीन दिनों में यहां से चेन्नई के लिए भी उड़ान शुरु हो जाएगी।

अभी अस्सी ट्रेनें

रायपुर रेल मंडल के पब्लिसिटी इंस्पेक्टर शिव प्रसाद पवार ने बताया, सामान्य दिनों में रायपुर रेलवे स्टेशन से 120 ट्रेनें गुजरती थीं। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान इनकी संख्या बेहद कम हो गई थी। वर्तमान में रायपुर से लगभग अस्सी ट्रेनें गुजरती हैं, जिसमें यात्रियों की संख्या 15 प्रतिशत के लगभग है। रेल प्रशासन यात्रियों की सुविधा के लिए विभिन्न रुटों में स्पेशल ट्रेन चला रहा है, मगर यात्रियों की दिक्कत की वजह से कई बार ट्रेनों का परिचालन स्थगित करने की नौैबत आ जाती है। वर्तमान में ट्रेनों सफर करने के लिए यात्रियों को आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट अथवा वैक्सीन की दोनों डोज का प्रमाणपत्र होना अनिवार्य है।

केवल 6 हजार बसें

छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के अध्यक्ष अनवर अली के मुताबिक सामान्य दिनों में राज्यभर में करीब 12 हजार बसों का संचालन होता था। अब कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने के बाद भी इनकी संख्या छह हजार तक पहुंची है। यात्रियों की संख्या महज साठ फीसदी पहुंची है। उनके मुताबिक डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह से बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है, जिसकी वजह से यात्रियों से अधिक किराया लिया जा रहा है। दूसरी ओर कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक बसों मे पचास प्रतिशत यात्रियों को बिठाने का नियम है। इसका भार भी यात्रियों की जेब पर पड़ रहा है।

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