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किसानों पर दोहरी मार : बारिश की कमी से खेती प्रभावित, कुछ रोपाई हुई भी तो आवारा मवेशी चर रहे फसल

आवारा मवेशियों के द्वारा खा लिया जा रहा है। इससे किसान काफी परेशान हो गए हैं। एक ओर 15 जून से रोका छेका अभियान चल रहा है। ऐसे में कुछ मवेशी मालिको के लापरवाही की वजह जब से मवेशियों को खुले में छोड़ दिया जाता है, पढ़िए पूरी खबर...

किसानों पर दोहरी मार : बारिश की कमी से खेती प्रभावित, कुछ रोपाई हुई भी तो आवारा मवेशी चर रहे फसल
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नौशाद अहमद- सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में आवारा मवेशियों के कारण किसानों को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। जिले में कम बारिश से किसान पहले से ही परेशान हैं। किसी तरह किसानों ने थोड़ा बहुत धान रोपा भी है तो उसे आवारा पशु चर रहे हैं।

मिली जानकारी के अनुसार, किसानों को इस साल बारिश का लंबे समय तक इंतजार करने के बाद अब खेती ना होने का डर सता रहा है। तो वहीं बड़ी मुश्किल से नदी नालों से सिंचाई कर कुछ खेती किए भी हैं, तो उसे आवारा मवेशियों के द्वारा खा लिया जा रहा है। इससे किसान काफी परेशान हो गए हैं। एक ओर 15 जून से प्रदेश में रोका छेका अभियान चल रहा है। ऐसे में कुछ मवेशी मालिकों की लापरवाही की वजह से मवेशियों को खुले में छोड़ दिया जाता है, तो वही आवारा मवेशी भी खुले में घूमते नजर आ जाते है। ऐसे में आए दिन किसानों के फसलों को नुकसान हो रहा है।


जहां गोठान नहीं, वहां गोठान की व्यवस्था करना चाहिए : मरावी

किसान और जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रतिनिधि शिव भजन मरावी का कहना है कि जिले में जहां-जहां गोठान नहीं बने हैं। वहां गोठान की व्यवस्था करना चाहिए और जहां बना भी है वहां पर खुले जानवरों को नहीं रखा जाता इसे किसान बहुत परेशान हो गए हैं। आए दिन किसान मेरे पास आते हैं। प्रशासन को इस पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। एक तो कम बारिश होने के कारण धान सूखने के लगे है जो बचे है। उसे बचाने की जरूरत है। अगर समय रहते हैं इन आवारा मवेशियों को सही जगह नहीं रखा गया तो आगे और भी परेशानी बढ़ेगी। वहीं जिले के पशु विभाग के उपसंचालक ने मवेशी मालिकों से मवेशियों को गौठान और घरों पर रखने की अपील करते नजर आए।

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