इमरजेंसी में आंबेडकर अस्पताल पहुंचा कोरोना मरीज तो पांच मिनट के भीतर आईसीयू में शुरू होगा इलाज
आपातकाल के दौरान अगर कोई कोरोना मरीज इलाज के लिए आंबेडकर अस्पताल पहुंचेगा, तो पांच मिनट के भीतर आईसीयू में उसका इलाज शुरू कर दिया जाएगा।

रायपुर। आपातकाल के दौरान अगर कोई कोरोना मरीज इलाज के लिए आंबेडकर अस्पताल पहुंचेगा, तो पांच मिनट के भीतर आईसीयू में उसका इलाज शुरू कर दिया जाएगा। मरीज के एंबुलेंस से उतरने से लेकर वेंटिलेटर तक पहुंचने की टाइमिंग के साथ चिकित्सकीय स्टाफ के रिस्पांस को जांचने मंगलवार को माॅकड्रिल किया गया। इस दौरान ऑक्सीजन प्लांट सहित अन्य उपकरणों की जांच की गई। वहीं शेष स्वास्थ्य केंद्रों में मौजूद संसाधनों की क्रियाशीलता परखने उसे ऑन-ऑफ कर देखा गया। केंद्र सरकार द्वारा चीन सहित दूसरे देशों में फैले कोरोना को ध्यान में रखते हुए यहां भी सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
उनके द्वारा मंगलवार को उपचार में उपयोग आने वाले सभी उपकरणों तथा अन्य साधन को चेक करने के मॉकड्रिल करने का निर्देश दिया गया था। सुबह दस बजे आंबेडकर अस्पताल में कोरोना प्रबंधन मॉक ड्रिल के दौरान एक डमी मरीज को एबुंलेंस के माध्यम से लेकर पहुंचा। चिकित्सकों ने उसका फीवर सहित अन्य जांच कर हालत देखते हुए आईसीयू में भेजा। जांच के दौरान उसे आक्सीजन लगाया गया और कुछ देर बाद वेंटिलेटर में शिफ्ट करना पड़ा। इस सारी प्रक्रिया में केवल पांच मिनट का समय लगा।
इसके साथ ही वहां तैनात चिकित्सकीय, नर्सिंग, पैरामेडिकल स्टाफ के रैपिड रिस्पांस (त्वरित प्रतिक्रिया) को परखा गया। वर्तमान में चिकित्सालय में मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए दो पीएसए ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट, एक क्रायोजेनिक टैंक के साथ ही साथ मैनिफोल्ड सिस्टम है, जिसकी जांच की गई। वहां मरीजों के लिए 20 बेड का कोरोना आईसीयू, 12 बेड का ट्राइएज वार्ड एवं ऑक्सीजन युक्त 60 बेड की व्यवस्था है। इस दौरान चिकित्सा महाविद्यालय की अधिष्ठाता डाॅ. तृप्ति नागरिया, अस्पताल अधीक्षक डाॅ. एसबीएस नेताम, अस्थि रोग विभागाध्यक्ष डाॅ. विनीत जैन, क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ एवं कोरोना के आईसीयू इंचार्ज डाॅ. ओपी सुंदरानी, रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डाॅ. आरके पंडा नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ एवं तकनीकी विशेषज्ञ मौजूद रहे।
एम्स में ऑक्सीजन सिलेंडर वेंटीलेटर तैयार
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में आक्सीजन की सप्लाई से लेकर वेंटीलेटर तक की उपलब्धता को परखा गया। एम्स में बड़ी संख्या में कोविड-19 के रोगियों को एडमिट करने के लिए तैयारी पूरी पाई गई। एम्स के निदेशक प्रो. नितिन एम. नागरकर ने बताया, पूर्व के आक्सीजन बेड के साथ ही आक्सीजन बेड, वेंटीलेटर और दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गई है। इस अवसर पर उप-निदेशक (प्रशासन) अंशुमान गुप्ता, डॉ. अजॉय बेहरा और डॉ. अतुल जिंदल के साथ कोविड-19 के लिए विशेष रूप से तैनात किए गए चिकित्सकों और तकनीकी स्टॉफ ने भी मॉक ड्रिल में भाग लिया।
जिला एवं सिविल अस्पताल में जांच
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मिथिलेश चौधरी एवं सिविल सर्जन डा. पीके गुप्ता द्वारा सिविल अस्पताल माना एवं जिला अस्पताल में मौजूद संसाधनों का निरीक्षण किया गया। अस्पतालों में सभी ऑक्सीजन कंसट्रेटर, ऑक्सीजन प्लांट को देखा गया एवं वार्ड का निरीक्षण और सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए। इसी तरह प्रदेश में कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए उपयोग किए जाने वाले सभी अस्पताल एवं स्वास्थ्य केंद्रों में उपकरणों की जांच की गई।
टीएस ने किया ऑनलाइन निरीक्षण
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री टीएस सिंहदेव ने मॉक-ड्रिल का ऑनलाइन निरीक्षण कर अस्पतालों की तैयारियों को खुद परखा। आंबेडकर अस्पताल रायपुर के साथ बिलासपुर, अंबिकापुर, जगदलपुर और कोरबा के शासकीय मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में कोविड-19 प्रोटोकॉल और इसके इलाज की व्यवस्था का स्वयं अवलोकन किया। उन्होंने कोविड से निपटने सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने निर्देश के साथ जरूरी दवइयां, जांच की सुविधाओं और पीपीई किट की उपलब्धता की भी जानकारी ली।