छत्तीसगढ़ के नदी-नालों को यूपी को बेच रही है कांग्रेस सरकार : पूर्व गृहमंत्री पैकरा
छत्तीसगढ़ में बखौफ तरीके से जारी रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन पर छत्तीसगढ़ भाजपा सियासी नुस्खा आजमाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। इसी कड़ी में आज पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा का बयान आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार नदी-नालों को यूपी को बेच रही है। पढ़िए पूरी खबर-

भैयाथान। विकासखण्ड भैयाथान के ग्राम पंचायत खोपा में रेत के अवैध उत्खनन व परिवहन से ग्रामीणों में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है। ग्रामीणों का कहना है कि नियमों को ताक पर रखकर रेत उत्खनन और परिवहन किया जा रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि रेत खदान से निकल रहे ओवरलोडिंग वाहनों की आवाजाही से ग्रामीण सड़क और पुल-पुलिया के अस्तित्व खतरे में आने हैं। साथ ही नदी के नजदीक खोपा धाम है, जहां पूजा के लिये आने वाले सैकडों लोगों के लिए दुर्घटना का खतरा भी बना रहता है।
रेत उत्खनन के विरोध में ग्राम पंचायत खोपा में हो रहे आमसभा में पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा, जिलाध्यक्ष बाबूलाल अग्रवाल व अन्य कार्यकर्ता शामिल हुए। रेत उत्खनन के विरोध में अब भाजपा भी ग्रामीणों के साथ मैदान में उतर गयी है। विकासखण्ड भैयाथान के ग्राम पंचायत खोपा के रेड़ नदी में रेत उत्खनन किया जा रहा है। ग्रामीणों के साथ सूरजपुर भाजपा जिलाध्यक्ष बाबूलाल अग्रवाल के नेतृत्व में पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा व अन्य कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौप नियम विरुद्ध हो रहे रेत उत्खनन पर कार्यवाही की मांग की।
ग्रामीणों ने कहा है कि शासन की ओर से स्वीकृत खोपा रेड़ नदी में रेत के ठेकेदार पोकलेन मशीन के जरिए दिन रात रेत खनन कर रहे हैं। रेत खदान से ट्रकों में ओवरलोड रेत परिवहन किया जा रहा है। ओवरलोड वाहनों के आवागमन से गांवों के लिए बनीं प्रधानमंत्री योजना की सड़कें खराब हो रही हैं। पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा सरगुजा और सूरजपुर के नदी-नाले को उत्तरप्रदेश में बेचा जा रहा है। नियम विरुद्ध रेत उत्खनन कर शासन के रायल्टी में चोरी की जा रही है। नियम से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलना चाहिये , लेकिन यहां नदियों में पोकलेन से रेत उत्खनन और ओवरलोडिंग कर शासन को नुकसान पहुँचाया जा रहा है। अगर शासन द्वारा रेत के ठेकेदारों पर लगाम नही लगाया गया, तो आने वाले समय में ग्रामीणों के विरोध का सामना शासन को करना पड़ेगा। देखिए वीडियो-