सीएम ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से की बातचीत, कहा- बच्चे मजबूत होंगे तो छत्तीसगढ़ मजबूत बनेगा
छत्तीसगढ़ में इन दिनों वजन त्योहार का खूब वातावरण बना हुआ है। कुपोषण दूर करने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों में वजन त्योहार मनाया जा रहा है। 7 जुलाई से इसकी शुरुआत हुई है। अपनी मांगों को लेकर आंदोलन की तैयारी कर रहीं आंगनबाड़ीकर्मी भी इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। पढ़िए पूरी खबर-

रायपुर। हमारे बच्चे यदि मजबूत होंगे, ताकतवर बनेंगे, हमारी बेटियों में खून की कमी दूर होगी तो निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ मजबूत बनेगा। यह बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आंगनबाड़ियों में मनाए जा रहे प्रदेशव्यापी वजन त्यौहार का वर्चुअल शुभांरभ करते हुए कही। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 5 वर्ष तक के सभी बच्चों का अनिवार्य रूप से वजन कराकर उनके सुपोषण स्तर का मूल्यांकन कराने और किशोरी बालिकाओं का हीमोग्लोबिन जांच की अपील की।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय से 7 से 16 जुलाई तक मनाए जाने वाले प्रदेशव्यापी वजन त्योहार का शुभांरभ करते हुए बच्चों की माताओं से आंगनबाड़ी में मिलने वाले लाभ के बारे में भी जानकारी ली। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंडिया, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव रीना बाबा साहब कंगाले, संचालक समाज कल्याण पी. दयानंद, संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग दिव्या मिश्रा उपस्थित थीं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल ने धरसींवा विकासखंड की बिरगांव में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नीलू परगनिहा से भी चर्चा की। मुख्यमंत्री के पूछे जाने पर कार्यकर्ता ने कुपोषित बच्चों की जानकारी दी। चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री कुपोषण से स्वस्थ हुए बच्चे की माता संगीता साहू से भी रू-ब-रू हुए। श्रीमती साहू ने बताया कि उनके बच्चे का वजन काफी कम था, परंतु आंगनबाड़ी से मिलने वाले रेडी टू ईट से वह सामान्य हो चुका है।
बिरगांव में मौजूद विधायक सत्यनारायण शर्मा ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं बेहतर काम कर रहीं है। वजन त्योहार में 1 लाख 61 हजार 20 बच्चों के वजन और ऊंचाई का माप लिया जाएगा। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि महिला बाल विकास विभाग के साथ सभी जनप्रतिनिधि वजन त्योहार एवं कुपोषण मुक्ति के अभियान को सफल बनाने जुटे हुए हैं, इसका लाभ निश्चित रूप से समाज को मिल रहा है। उन्होंने आमजन से भी अपील की है कि कुपोषण के खिलाफ जारी इस अभियान में हिस्सा लेकर इसे जरूर सफल बनाएं और छत्तीसगढ़ को कुपोषणमुक्त बनाएं।