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'शादी की उम्र 21' पर बोले सीएम भूपेश बघेल- सामाजिक लोगों के साथ सलाह-मशवरा करके ऐसे फैसले करने चाहिए...

कांग्रेस शासित राज्यों का सम्मान ही नहीं करती केंद्र सरकार, असहमति का भी कोई स्थान नहीं : भूपेश बघेल

शादी की उम्र 21 पर बोले सीएम भूपेश बघेल- सामाजिक लोगों के साथ सलाह-मशवरा करके ऐसे फैसले करने चाहिए...
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रायपुर. सीएम भूपेश बघेल आज निकाय चुनाव को लेकर खैरागढ़ रवाना हो चुके हैं. खैरागढ़ जाने के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने मीडिया से बातचीत की. मीडिया से बातचीत में सीएम बघेल ने कहा कि आज का दिन पूरा देश विजय दिवस के रूप में मना रहा है. इंदिरा जी के प्रधानमंत्री काल में न केवल इतिहास रचने का बल्कि भूगोल बदलने का काम हुआ था और एक नया देश बांग्लादेश के नाम से उभरा.

आज ही के दिन हमारे सैन्य अधिकारियों के सामने पाकिस्तान के 93000 सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था. जो कि इतिहास में इतना बड़ा आत्मसमर्पण किसी भी देश के सामने नहीं हुआ था. आज के दिन इंदिरा जी को याद करते हुए और उन महाभारत के महान सपूतों को महान वीरों को भी नमन करने का अवसर है और उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करने का अवसर है और मैं उन सभी लोगों को प्रणाम करता हूं.

देश में लड़कियों की शादी की उम्र 18 वर्ष से 21 वर्ष केंद्र सरकार द्वारा की गई है इस को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आजकल वैसे भी ग्रेजुएशन करते-करते 21 साल हो जाता है. पोस्ट ग्रेजुएशन करते-करते 24 से 25 वर्ष की उम्र हो जाती है. लड़कियों की शादी भी आजकल 25 से 30 वर्ष की उम्र में हो रही है. लेकिन दूसरे और भी लोग हैं, जिनका ध्यान रखना चाहिए. ऐसे में बहुत से माता-पिता भ्रम के शिकंजे में भी आ सकते हैं. सामाजिक लोगों के साथ ही सलाह मशवरा करके ऐसे फैसले करने चाहिए.

राज्य सरकार द्वारा एक साल में केंद्र को 30 पत्र लिखने और पत्रों की सुनवाई नहीं होने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि हम केंद्र से मिलने का समय मांगते हैं तो वो भी नहीं मिलता और पत्र भेजते हैं तो उसका जवाब नहीं देते. केंद्र सरकार कांग्रेस शासित राज्यों का सम्मान ही नहीं करती और असहमति का भी कोई सम्मान नहीं है.

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह द्वारा कहे गए बयान कांग्रेस ने 36 में से 4 वादे भी पूरे नहीं किए हैं, इसको लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि रमन सिंह पहले यह बता दें कि उन्होंने सब आदिवासियों को गाय देने की बात कही थी क्या उन्होंने यह बात पूरी की. 15 साल में सत्ता में थे और हम 3 साल. रमन सिंह जी को कोई बात कहने का कोई नैतिक अधिकार ही नहीं है.

उनके शासनकाल में शिक्षा कर्मियों के साथ मारपीट हुई. कितने शिक्षाकर्मियों की मौत के लिए वे जिम्मेदार हैं. उन्होंने शिक्षा कर्मियों की भर्ती तक नहीं की. हमारी शासनकाल में ना केवल भर्ती हुई बल्कि हम सभी वर्गों का ध्यान रख रहे हैं.

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