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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं आक्रोशित, विभाग से कहा- रखिए अपने पुराने मोबाइल…जब तक नया नहीं, तब तक काम नहीं

छत्तीसगढ़ की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं अपनी नियमितीकरण समेत कई मांगों को लेकर पहले से ही परेशान हैं, लेकिन इन दिनों मोबाइल पर नियमित रूप से जानकारी अपलोड करने की अनिवार्यता ने उन्हें एक और नई परेशानी दे दी है। महिला एवं बाल विकास विभाग की अव्यवस्था से खफा बेमेतरा जिले में कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर अपने मोबाइल हैंडसेट सेक्टर में जमा करा दिया है। पढ़िए पूरी खबर-

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं आक्रोशित, विभाग से कहा- रखिए अपने पुराने मोबाइल…जब तक नया नहीं, तब तक काम नहीं
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रायपुर। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के आंदोलनात्मक आक्रोश की एक खबर आई है। असल में हुआ यह है कि कार्यकर्ताओं ने एकत्र होकर अपने मोबाइल हैंडसेट्स सेक्टर में जमा करा दिया है। वे कह रही हैं, कि जब तक नए मोबाइल नहीं दिए जाते या नए मोबाइल की खरीदी के लिए कार्यकर्ताओं के अकाउंट्स में रुपए नहीं डाले जाते, तब तक विभागीय एप्स में कोई जानकारी नहीं डाली जाएगी।

इस संबंध में छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ की बेमेतरा जिला अध्यक्ष विद्या जैन का कहना है कि विभाग ने यह तय किया है कि सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने-अपने केन्द्रों की गतिविधियों की जानकारी और आंकड़े रिपोर्ट की शक्ल में मोबाइल एप्स के जरिए अपलोड करें। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पास मोबाइल होना जरूरी है, लेकिन विभाग ने सभी जिलों में मोबाइल का वितरण किया ही नहीं है। विद्या जैन ने बताया, कि 2016 में जिन कुछ जिलों की कार्यकर्ताओं को मोबाइल दिए गए थे, उसमें बेमेतरा जिले के कुछ परियोजना भी शामिल हैँ। इन परियोजना के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पास 2016 में मिले मोबाइल हैंडसेट्स हैं तो जरूर, लेकिन वे इतने पुराने हो गए हैं कि बार-बार हैंग होते हैं।

विद्या जैन, जिला अध्यक्ष (बेमेतरा), छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ

पांच साल पुराने हैंडसेट्स की हालत अब ऐसी नहीं रह गई है कि विभागीय एप्स में जानकारी फीड करने के लिए उन हैंडसेट्स का उपयोग किया जा सके। इधर, विभागीय अधिकारी लगातार दबाव बना रहे हैं कि यदि वे मोबाइल के जरिए जानकारी नहीं डालेंगे, तो उनका मानदेय रोक दिया जाएगा या काट दिया जाएगा। हैरानी की बात यह है कि ऐसे दबावपूर्ण निर्देश उन क्षेत्रों में भी दिए जा रहे हैं, जिन क्षेत्रों में न तो मोबाइल वितरण हुआ है, न वहां मोबाइल चलाने के लिए इंटरनेट का नेटवर्क है। और तो और, कई जिलों की सुपरवाइजर और परियोजना अधिकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सलाह दे रहे हैं कि अपने परिजनों, पड़ौसियों या किसी जान-पहचान वाले का मोबाइल मांगकर नियमित जानकारी फीड करें। यह दबाव कार्यकर्ताओं के लिए परेशानी का सबब बन चुका है, क्योंकि जिनको मोबाइल मिले थे, वे पुराने होने के कारण काम ठीक से नहीं कर रहे हैं। जिनके पास मोबाइल नहीं है, उन्हें बार-बार दूसरों से मोबाइल मांगने में असहजता का सामना कर रही हैं। जिन इलाकों में नेटवर्क नहीं हैं, वे अपने मानदेय काट दिए जाने की धमकी से परेशान हैं। इन तमाम बातों से आक्रोशित होकर आज बेमेतरा जिले की कार्यकर्ताओं ने एकजुट हो अपने पुराने हो चुके मोबाइल हैंडसेट्स को सेक्टर में जमा करा दिया है। संघ की जिला अध्यक्ष विद्या ने कहा है कि जब तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नए मोबाइल हैंडसेट्स का वितरण नहीं किया जाता या मोबाइल खरीदने के लिए कार्यकर्ताओं के अकाउंट में कम से कम 10 हजार रुपए नहीं डाले जाते, तब तक वे मोबाइल के जरिए जानकारी अपलोड नहीं करेंगे। इस मौके पर विद्या जैन, सुलोचना चौबे, निर्मला, कलावती, भुनेश्वरी ठाकुर, संध्या साहू, लक्ष्मी सरस्वती, गीतू, निधि, पुष्पा क्षत्रीय, लक्ष्मी चौबे, रानी वर्मा, अघनिया साहू, प्रभा दुबे, उत्तरा, सविता, रानी शुक्ला, अंजनी बंजारे, कांति, अमरीका, राधा प्रीतम, संतोषी साहू, उषा, अनिता, जमुना, शारदा, लता रजक, कलम, रमिला, वीना अनंत, सुखबाई, हुल्सी पुष्पा साहू, श्याम राधा खाण्डे, वन्दनी, सावित्री कोसले, हितेँद्री, कविता बंजारे, अम्लता सोनवानी, सरिता, बाला, कान्ति शर्मा, शारदा बघेल, कीर्ति साहू, मीना और चमेली साहू आदि ने अपने मोबाइल सेक्टर में जमा करा दिए हैं।

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