कोरोना की तीसरी लहर से जंग लड़ने की तैयारियां शुरू, सभी ग्रामीण इलाकों में बनेंगे आइसोलेशन सेंटर
बिहार समेत पूरा देश अभी कोरोना की दूसरी लहर से जमकर जंग लड़ रहा है। वहीं जानकारी मिल रही है कि बिहार में कोरोना वायरस की तीसरी लहर से निपटने को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। प्रदेश में इसके लिए ऑक्सीजन सिलिंडर समेत अन्य जरूरी मेडिकल उपकरणों की खरीद की जायेगी।

प्रतीकात्मक तस्वीर
कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Second wave of corona virus) से देश समेत पूरा बिहार (Bihar) इस समय जंग लड़ रहा है। साथ ही कोरोना संक्रमण (Corona infection) की दूसरी लहर पर पार पाने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा रहा है। वहीं कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर (Third wave of corona infection) की आशंका के चलते अभी से ही केंद्र और तमाम राज्यों की सरकार (Central and all state government) चिंतित हो गई हैं। साथ ही सराकारों ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसको लेकर बिहार में सभी पीएचसी (PHC) में पांच-पांच बेड का आइसोलेशन सेंटर बनाया जाएगा। इसके अलावा कई जरूरी मेडिकल उपकरणों (Essential medical devices) की खरीददारी भी की जा रही है। जिससे बिहार में ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को संभावित कोरोना संकट के दौरान बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उलब्ध कराई जा सकें।
जानकारी के अनुसार राजधानी पटना (Patna) जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 23 पीएचसी हैं। इन सभी पीएचसी में 5- 5 बेड का आइसोलेशन सेंटर बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इन आइसोलेशन सेंटर के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, पल्स ऑक्सीमीटर, बेड, एंबुलेंस और अन्य जरूरी उपकरणों की खरीद की जायेगी।
बाद में इन PHC में करी दी जाएगी आईसीयू की व्यवस्था
जानकारी के अनुसार पहले चरण में सभी ग्रामीण इलाकों में स्थित प्राथमिक अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बनेंगे। जरूरत पड़ने पर इन्हीं आइसोलेशन वार्ड को अपग्रेड कर उसमें आइसीयू बेड और वेंटिलेटर की व्यवस्था कर दी जायेगी। कोरोना संक्रमण की तीसरे लहर आने की जो आशंका जताई जा रही है। उससे निपटने के लिए काफी कम समय है। इस वजह से किसी भी ग्रामीण क्षेत्र के पीएचसी को तुरंत ही बेहतर अस्पताल बनाना संभव नहीं है। इस वजह से पहले चरण में आइसोलेशन सेंटर बनाया जा रहा है, जिससे वैसे मरीज जिनके ऑक्सीजन लेबल 90 से 93 के बीच हो तो उन्हें भर्ती कर उनका इलाज हो और उनका सही ऑक्सीजन लेवल वापस आ सके। यदि इसके बावजूद भी उनका ऑक्सीजन लेवल सही नहीं होता है और 90 के नीचे आया तो एंबुलेंस से पटना में पीएमसीएच, एनएमसीएच, एम्स व आइजीआइएमएस में भर्ती कराया जाएगा।