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बिहार में हमारी सरकार बनी तो हम मछुआरों के साथ न्याय करेंगे : मुकेश सहनी

बिहार में विपक्षी गठबंधन के नेता मुकेश सहनी ने नीतीश सरकार को निषाद विरोधी सरकार करार दिया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ से बिहार में करीब 30 लाख मछली व्यवसाय से जुड़े लोग तबाह हैं। किसानों को नुकसान का मुअवजा मिलता है, मछुआरों को नहीं। यह कैसा न्याय है। सहनी ने कहा कि अगर बिहार में हमारी सरकार बनी तो हम मछुआरों के साथ न्याय करेंगे।

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वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी

बिहार विपक्षी महागठबंधन में शामिल वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने बुधवार की रात को सोशल मीडिया के जरिये नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। मुकेश सहनी ने कहा कि बिहार में बाढ़ से करीब 30 लाख मछुआरा परेशान हैं और तबाह हो गए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों एवं जिनके घर में पानी घुस जाता है उनलोगों को सरकार से सभी तरह का मुआवजा मिलता है।

लेकिन मछुआरा निषादों को किसी भी तरह का कोई मुअवजा नहीं दिया जाता है। वहीं सहनी ने कहा कि ये कैसा न्याय है। उन्होंने कहा कि हमने कई कई बार नीतीश सरकार को पत्र लिखा कि सूबे में सभी तालाबों का बीमा कराया जाए, लेकिन सरकार ने निषादों से जुड़ी समस्या पर आज तक गौर नहीं की है।

मुकेश सहनी ने आगे कहा कि बिहार में हमारी सरकार बनेगी तो प्रमुखता से सर्वप्रथम सभी तालाबों का सरकारी स्तर से बीमा कराया जाएगा। मछुआरों के सभी समस्याओं को दूर किया जाएगा।

बिहार इस समय बाढ़ से जुझ रहा है। उत्तर बिहार के 11 जिलों में बाढ़ के पानी ने तबाही मचा रखी है। उत्तर बिहार में बाढ़ से किसान, मछुआरा समेत सभी तरह के व्यवसाय से जुड़े लोग प्रभावित हैं। वहीं उत्तर बिहार के दरभंगा, गोपालगंज, मधुबनी और पश्चिमी चंपाहरण में मछली व्यवसाय से जुड़े करीब 30 लाख लोग प्रभावित बाताये जाते हैं। तालाबों में बाढ़ का पानी भर गया है।

बिहार में मछली व्यवसाय को करीब चार हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने की संभावना है। अब तक सूबे में करीब दो लाख टन मछलियां बर्बाद हो गई हैं। वैसे राज्य सरकार बिहार में बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वेक्षण कराकर आकलन करवायेगी। सरकार मछली व्यवसाय से जुड़े लोगों के नुकसान की भी भरपाई कर सकती है।

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