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घर में अकेली मिलने पर महिला पुलिस अधिकारी की बेटी के साथ छेड़छाड़ कर था रसोइया, पुलिस ने तुरंत उठाया ये कदम

बिहार की राजधानी पटना से एक ऐसा शर्मनाक मामला सामने आया है। जिसपर हर कोई सोचने के लिए मजबूर हो रहा है। क्योंकि मामला सीनियर महिला पुलिस अधिकारी के घर से जुड़ा हुआ है। यहां एक रसोइया ने सीनियर महिला पुलिस अधिकारी की नाबालिग बेटी के साथ छेड़छाड़ की है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

Minor daughter of female police officer molested in Patna bihar crime news
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प्रतीकात्मक तस्वीर

बिहार (Bihar) की राजधानी पटना (Patna) से बेहद सनसनीखेज खबर सामने आई है। जिस पर हर किसी को सोचने पर मजबूर होने की जरूरत है। क्योंकि यहां पुलिस विभाग की एक बड़ी महिला अधिकारी की नाबालिग बेटी के साथ छेड़छाड़ (Minor daughter of female officer molested) की वारदात को अंजाम दिया गया है। छेड़खानी (molestation) की वारदात को मंगलवार की दोपहर में पटना स्थित पुलिस अधिकारी के घर में ही अंजाम दिया गया। घर में वारदात के वक्त नाबालिग बच्ची (minor girl) अकेली ही थी। इसी दौरान 50 वर्षीय रसोईये ने बच्ची के अकेला होने का फायदा उठाकर छेड़छाड़ की शर्मनाक वारदात को अंजाम दे दिया। खुद के साथ हुई शर्मनाक वारदात की सूचना बच्ची ने स्वयं महिला पुलिस अधिकारी यानी कि अपनी मां को फोन करके दी।

सूचना मिलते ही महिला पुलिस अधिकारी दौड़कर अपने घर पहुंची। जहां मां ने डरी, सहमी बच्ची से मामले की जानकारी ली। फिर मां ने पूरी वारदात की सूचना पटना पुलिस प्रसाशन के अधिकारियों को दी। इसके बाद मां ने महिला थाने में मामला दर्ज कराया। महिला थाना पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी रसोईया को अरेस्ट कर लिया। पुलिस गिरफ्त में लेने के बाद आरोपी होमगार्ड जवान को महिला थाने लेकर पहुंची। यहां पर आरोपी से देर रात तक पूछताछ होती रही। पुलिस जानकारी के अनुसार इस आरोपी के खिलाफ पास्को एक्ट समेत कई संगीन धाराओं में मामला दर्ज हुआ है।

छेड़खानी के मामले के बाद से पुलिस विभाग में भी हड़कंप मच गया है। पटना पुलिस के वरिष्ठ अफसर मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। इस मामले के बाद ऐसा महसूस होता है कि अब बच्चियां अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं हैं। इस वारदात से लोगों को सबक लेना चाहिए। साथ ही ऐसे परिजनों को यह ध्यान देना चाहिए कि उनकी गैर मौजूदगी में वहां ऐसा कोई शख्स तो नहीं है। जिससे बच्चे या बच्चियां झिझक महसूस करें या फिर उनको किसी प्रकार का खतरा हो।

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