प्राइवेट अस्पताल में नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त के धंधे का पर्दाफाश, डीएम ने भेष बदलकर की कड़ी कार्रवाई
बिहार के मधेपुरा में जिले में एक प्राइवेट अस्पताल में नवजात बच्चों को बेचने के काले कारोबार का पर्दाफाश हुआ है। मामले को लेकर मधेपुरा डीएम ने निजी अस्पताल संचालक समेत दो 2 आरोपियों को अरेस्ट करवाया है। साथ ही जिला प्रशासन ने निजी अस्पताल को सील कर दिया।

प्रतीकात्मक तस्वीर
बिहार (Bihar) के मधेपुरा (madhepura) जिले में नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त (Newborn baby trading) के काले कारनामे का पर्दाफाश हुआ है। मधेपुरा जिला प्रशासन ने उदाकिशुनगंज अनुमंडल में पड़ने वाले चौसा थाना क्षेत्र (Chausa Police Station Area) में यह कार्रवाई की। आरोप है कि चौसा थाना के ठीक सामने बाबा विशु राउत हॉस्पिटल (Baba Vishu Raut Hospital) में नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त होती है। मधेपुरा डीएम श्याम बिहारी मीणा (Madhepura DM Shyam Bihari Meena) को यह गुप्त शिकायत मिली। डीएम ने मामले को लेकर एक टीम गठित की। जिसने निजी अस्पताल पर छापा मार कार्रवाई कर दी। टीम ने वहां से अस्पताल संचालक एवं चिकित्सक डॉ. रिंकेश कुमार रवि समेत दो आरोपियों को दबोच लिया। जिला प्रशासन ने तुरंत ही प्राइवेट अस्पताल को भी सील कर दिया है। वहीं जिला प्रशासन द्वारा बाबा विशु राउत अस्पताल पर की गई सख्त कार्रवाई से नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त से संबंधित एक बड़े रैकेट का भी भंडाफोड़ हो गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मधेपुरा जिलाधिकारी श्याम बिहारी मीणा को इस संबध में गुप्त शिकायत मिली थी। जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एक योजना बनाकर उचित कार्रवाई की दी। बताया जा रहा है कि सबसे पहले जिला प्रशासन की ओर से एक अधिकारी को भेष बदलकर नवजात बच्चे की खरीदारी हेतु प्राइवेट अस्पताल में भेजा गया। यहां अफसर ने अस्पताल संचालक एवं डॉक्टर रिंकेश कुमार रवि से नवजात का सौदा किया। शुरू में अस्पताल संचालक चिकित्सक द्वारा नवजात बच्चे की कीमत 80 हजार रुपये बतायी गई।
अफसर और चिकित्सक के बीच नवजात के सौदे को लेकर काफी तोल-मोल की गई। अंत में चिकित्सक ने भेष बदलकर पहुंचे अधिकारी से नवजात बच्चे की डील 65000 रुपये में फाइनल कर दी। फिर अफसर रुपये लेकर पहुंचे। जिस पर चिकित्सक ने नवजात बच्चा अफसर को दे दिया। फिर किस बात का था इंतजार, जिला प्रशासन की पूरी टीम चौंकन्नी थी। तुरंत प्रशासन ने टीम ने निजी अस्पताल में छापेमारी कार्रवाई शुरू कर दी गई। इस दौरान छापेमारी टीम ने नवजात बच्चा और 65 हजार रुपये भी आरोपी चिकित्सक से बरामद कर लिए। इस दौरान अस्पताल संचालक चिकित्सक व अन्य दो साथियों को भी दबोच लिया गया। साथ ही जिला प्रशासन ने निजी अस्पताल को सील कर दिया है।
बताया जा रहा है कि जिला पदाधिकारी को जानकारी मिली कि चौसा थाना के ठीक सामने बाबा विशु राउत हॉस्पिटल के नाम से फर्जी निजी अस्पताल संचालित है। यह भी बताया गया कि इस अस्पताल में सीधे-साधे लोगों को दलाल फंसाकर लाते हैं। विशेष तौर पर यहां प्रसूता महिलाओं के ऑपरेशन होते हैं। साथ इस अस्पताल में नवजात शिशुओं की खरीद-फरोख्त होती है। इसपर मधेपुरा डीएम ने एक जांच टीम गठित कर छापेमारी कार्रवाई की योजना बना दी।
पुलिस के मुताबिक इस प्राइवेट अस्पताल में बीते कई महीनों से बच्चों की खरीद-फरोख्त का काला कारोबार चल रहा था। इसमें ज्यादातर ऐसे बच्चों को शामिल किया जाता था। जो बच्चे अविवाहित महिलाओं से जन्म लेते थे। ऐसे बच्चों को चिकित्सक द्वारा मनचाहे दामों पर लोगों बेच दिया जाता था। पुलिस को आशंका है कि इस धंधे में कई अन्य लोग भी लिप्त हो सकते हैं। इसको लेकर भी पुलिस जांच-पड़ताल में जुटी है। पुलिस निजी अस्पताल में लगे सीसीटीवी फुटेज की भी पड़ताल कर रही है। पुलिस मामले को लेकर दो केस दर्ज की किए हैं। पहला केस तो फर्जी तरीके से नर्सिंग होम संचालित करने से जुड़ा हुआ है। वहीं दूसरा केस नवजात बच्चों की खरीद फरोख्त से जुड़ा हुआ है।