बिना पीपीई किट कोरोना जांच कर रहे स्वास्थ्य कर्मी, कांग्रेस ने नीतीश कुमार समेत तीनों रतनों पर साधा निशाना
बिहार में बिना पीपीई किट जान जोखिम में डालकर स्वास्थ्य कर्मी कोरोना वायरस की जांच कर रहे हैं। इसी विचित्र टेकनीक के निकाले जाने पर बिहार कांग्रेस ने सीएम नीतीश कुमार, सुशील मोदी और मंगल पाण्डेय को कटघरे में खड़ा कर दिया है। साथ ही इन्हें बिहार के तीन रतन करार दिया है।

बिहार में बिना पीपीई किट पहने अपनी जान जोखिम में डालकर स्वास्थ्य कर्मी कोरोना संक्रमण की जांच करते हुये नजर आ रहे हैं। इसी को लेकर बिहार कांग्रेस ने रविवार को ट्वीट कर बिहार सरकार को घेरा है। साथ ही कांग्रेस ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय का आभार जताना चाहिये। जिन्होंने बिहार मे कोरोना वायरस की जांच के लिये कुछ ऐसी विचित्र सी टेकनीक निकली है। जहां कोरोना वायरस की जांच कर रहे स्वास्थ्य कर्मी को अपनी सुरक्षा के लिये पीपीई किट तक नहीं पहननी पड़ रही है। वहीं बिहार कांग्रेस ने कोरोना जांच के लिये निकाली गई इस विचित्र सी टेकनीक के लिये सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सुशील मोदी और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय को बिहार के तीन रतन तक करार दे दिया है। साथ ही बिहार कांग्रेस ने कहा कि मानव सेवा के लिए निकाली गई इस विचित्र टेकनीक को, बिहार के ये तीनों रतन अन्य राज्यों को भी 'विशेष उपहार' के रूप में साझा कर दें।

बिहार सरकार की कलाकारी कहीं भारी ना पड़ जाये: प्रेमचंद मिश्रा
बिहार में कांग्रेस के एमएलसी प्रेमचंद मिश्रा ने ट्वीट कर 10 हजार और एक लाख कोरोना की जांच में समान मरीजों के आने पर सवाल उठाये हैं। वहीं उन्होंने कहा कि बिहार सरकार की ये कलाकारी कही भारी ना पड़ जाए। उन्होंने कहा कि जब 8-10 हज़ार लोगों की जांच होती थी तो तीन हज़ार लोग कोरोना संक्रमित मिलते थे। लेकिन अब प्रतिदिन एक लाख लोगों की कोरोना जांच हो रही है तो मात्र 4 हज़ार लोग ही कोरोना संक्रमित क्यों मिल रहे हैं? साथ ही प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि चुनाव कराने के चक्कर मे बाजीगरी लोगों के जीवन को खतरे में डाल सकती है।

राेजगार देने में विफल हो गई बिहार सरकार
बिहार कांग्रेस ने अन्य ट्वीट के जरिये कहा कि बिहार की सत्ता पर काबिज जदयू और भाजपा गठबंधन की सरकार को ठगबंधन की सरकार करार दिया है। साथ ही कांग्रेस ने कहा कि भाजपा-जदयू ठगबंधन की सरकार 15 सालों से बिहार की सत्ता पर काबिज है। वहीं बिहार में बेरोजगारी रिकॉर्ड तोड़ रही है। कांग्रेस ने कहा कि बिहार सरकार युवाओं को रोजगार देने में विफल हो गई है। कब तक बिहार का युवा बेरोजगार रहेगा? रोजगार की योजनाओं की विफलताओं से बिहार 15 साल से बेहाल और बदहाल है।
