15 दिनों में घर के सभी चिराग बुझ गए, 4 बच्चों की मौत से पूरी तरह टूटे बीमार दंपत्ति, जानें इनकी पीड़ा
बिहार के मधुबनी जिले से दिल को हिलाकर रख देने वाली खबर सामने आई है। यहां पर बेबस माता-पिता ने दो दिनों के अंदर अपने तीन बच्चों को हमेशा के लिए खो दिया है। वहीं दंपत्ति भी बीमार हैं। दरभंगा डीएमसीएच में इनमें से तीन बच्चों का इलाज चल रहा था।

प्रतीकात्मक तस्वीर
बिहार (Bihar) के मधुबनी (Madhubani) जिले के बिस्फी थाना इलाके स्थित इटहरवा के रहने वाले राम पुनीत यादव के परिवार पर ना जाने किसकी बुरी दृष्टि पड़ गई है। जोकि 15 दिनों पहले बीमारी ने उनसे एक पुत्र को छीन लिया था। अब दो दिनों के अंदर उनके तीन बच्चों की मौत (Death of three children) हो गई है। चार बच्चों की मौत का सदमा बेबस पिता के साथ मां आशा देवी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। वो भी बुरी तरह से बीमार हो गए हैं।
राम पुनीत यादव, उनकी पत्नी आशा देवी शनिवार को हुई नौ वर्षीय बेटे की मौत (Son death) के सदमे से उबरने का प्रयास कर रहे थे। इस बीच अगले दिन रविवार को शिशु रोग विभाग में उनकी दोनों बेटियों की मौत (Death of both daughters) हो गई। दोनों बेटियों की मौत की खबर ने दंपती (Couple) को पूरी तरह से तोड़ दिया। बेटियों के शवों पर नजर पड़ते ही पहले से ही बीमार चल रहा दंपती पूरी तरह टूट गया। बिगड़ती हालत को देखते हुए दंपती (Madhubani Couple) को इलाज के लिए बेंता स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। राम पुकार यादव के बेटे ने शनिवार को शिशु विभाग में दम तोड़ दिया था। बेटे की कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। इसके बाद भी एहतियात के तौर पर कबीर सेवा संस्थान ने कोरोना गाइडलाइन्स (corona guidelines) के मद्देनजर बच्चे का संस्कार किया था।
दूसरी ओर राम पुनीत की बेटियां पूजा 12 साल और आरती 8 साल शिशु रोग विभाग में इलाजरत थीं। इनमें से एक बेटी ने शनिवार की देर रात में दम तोड़ दिया। वहीं दूसरी बेटी की मौत रविवार को हो गई। देखते-देखते 15 दिनों के अंदर ही राम पुनीत और आशा देवी के घर के सभी चिराग हमेशा के लिए बुझ गए। जानकारी के अनुसार डॉक्टरों द्वारा पूजा व आरती का कोरोना रैपिड एंटीजेन टेस्ट कराया था। जिसमें दोनों बच्चियों की जांच रिपोर्ट निगेटिव पाई गई थी। वहीं राम पुनीत व आशा देवी खुद भी बीते कई दिनों से बीमार हैं। जानकारी के अनुसार राम पुनीत यादव के दोनों पैर और हाथ में सूजन है। वहीं उनकी पत्नी आशा देवी का हाल भी कुछ ऐसा ही है।
बेटियों के शवों पर माता-पिता को रोता-बिलखता देख मजबूत दिलवालों का भी दिल पसीज गया। कबीर सेवा संस्थान की तरफ से दोनों बच्चियों के शवों का अंतिम संस्कार कोरोना गाइडलाइन्स के मद्देनजर कराया गया। वहीं शिशु रोग विभाग के यूनिट इंचार्ज ने जानकारी दी कि दोनों बच्चियों का बेहतर से बेहतर इलाज किया गया। दोनों बच्चियों की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव थी। वे लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से पीड़ित थीं। उन लोगों को बचाने का हर प्रयास किया गया।
आपको बता दें कि इस तरह के कई मरीज होते हैं, जिनकी रैपिड एंटीजेन और आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट तो निगेटिव आती है, पर सिटी स्कैन में उनके फेफड़े में संक्रमण होता है। दरभंगा डीएमसीएच में भर्ती इन बच्चों की सिटी स्कैन नहीं कराई गई थी।