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बीटेक पास बहू कई महीनों से घर में थी कैद, ग्रामीणों ने ताला तोड़कर कराई मुक्त, जानें दहेज लोभियों की काली करतूत

बिहार के सुपौल जिले से दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। यहां पर ससुराल वालों ने दहेज को लेकर अपनी बहू को आठ महीनों से घर में कैद कर रखा था। शिकायत मिलने पर पुलिस ने ग्रामीणों के सहयोग से महिला को कैद से मुक्त कराया।

Daughter in law imprisoned for eight months for dowry in supaul house btech pass married woman freed from efforts of villagers bihar crime news
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प्रतीकात्मक तस्वीर

बिहार (Bihar) के सुपौल (Supaul) जिले से शर्मनाक घटना सामने आई है। यहां दहेज लोभी ससुराल वालों (in-laws) ने करीब आठ महीनों से अपनी बहू को कैद (aughter-in-law imprisoned) करके रखा हुआ था। महिला का भाई जब उससे मिलने के लिए पहुंचा तो उसे महिला से मिलने नहीं दिया। जिसके बाद परिजनों ने पूरे मामले की शिकायत पुलिस (Police) से की। जब जाकर हैरान कर देने वाली यह पूरी घटना सामने आई।

जानकारी के अनुसार यह शर्मनाक हरकत सुपौल (Supaul) के किसनपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित बाजार से सामने आई है। इसी जगह पर दहेज के लिए एक बीटेक पास बहू को घर में कैद (daughter-in-law imprisoned for dowry) करके रखा हुआ था। जब पूरे मामले की भनक ग्रामीण को हुई तो महिला थाना पुलिस को सूचित कर महिला को कैद से मुक्त करवाया गया। बताया जा रहा है कि मामले की शिकायत पर सुपौल महिला थाना अध्यक्ष प्रमिला कुमारी बुधवार को पुलिस बल के साथ किसनपुर बाजार स्थित मौके पर पहुंची। जहां पर पुलिस ने तफ्तीश शुरू की। उस दौरान वहां पर पुलिस को देखकर सैकड़ों की संख्या में बाजार में मौजूद लोगों की भीड़ भी इकट्ठी हो गई। यह पर उपस्थित रहे लोगों द्वारा एक आवाज में महिला को 8 महीने से बंधक बनाए जाने की बात की पुष्टि की गई। इसके अलावा विवाहिता को सास, ससुर द्वारा प्रताड़ित करने के आरोप भी लगाए गए।

यह भी बताया जा रहा है इस विषय को लेकर कई बार स्थानीय स्तर पर पंचायत भी की गई थी। लेकिन ससुर विक्रम चौधरी द्वारा बात मानने से मना करने पर गुस्साए स्थानीय लोगों ने बुधवार को घर का ताला तोड़कर पीड़ित महिला को घर से मुक्त कराकर महिला थाना पुलिस के सुपुर्द कर दिया। ये भी आरोप सामने आए है कि यह पूरा केस दहेज की मांग से जुड़ा हुआ है। इसमें सास, ससुर के साथ-साथ महिला के पति की भी भूमिका बताई जा रही है।

जानकारी के अनुसार किसनपुर बाजार के रहने वाले विक्रम चौधरी के बेटे संजय चौधरी के साथ उक्त महिला की हिंदू रीति रिवाज के मुताबिक दिल्ली के पास स्थित नोएडा में 07 मार्च 2018 को शादी संपन्न हुई थी। उस दौरान शादी में तमाम दहेज के साथ कार समेत करीब 17 लाख रुपये का समान दिया गया था। शादी के बाद विदाई कर महिला को बिहार के किसनपुर लाया गया। यहां पर महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया। जो इस वक्त डेढ वर्ष की है। आरोप है कि इसके के बाद से ही ससुराल पक्ष के लोग अपनी बहू मोना कुमारी जायसवाल को प्रताड़ित करने लगे थे।

यह जानकारी भी सामने आई है कि मोना कुमारी जायसवाल से उसके ससुराल वाले दस लाख रुपए दहेज की और मांग कर रहे थे। इस बीच पति भी बाहर कमाने के लिए चला गया। यह भी कहा जा रहा है कि दहेज नहीं देने को लेकर पति ने भी पत्नी से बात करना छोड़ दिया थी। इन लोगों ने महिला को काफी तंग- तबाह किया। बावजूद इसके महिला घर से नहीं भागी। इस पर ससुराल वालों ने उसको बाजार स्थित अपने दो मंजिला के ऊपर कैद कर बाहर से ताला जड़ दिया।

दिल्ली में रह रहे मोना के पिता को बेटी को कैद किए जाने की जानकारी लगी तो पिता भैरव गांव के रहने वाले गौरी शंकर चौधरी ने अपने बेटे को अपनी बेटी की स्थिति देखने के लिए भेजा। पर महिला से उसको नहीं मिलने दिया गया। जिसके बाद परिजनों ने ग्रामीणों को इकट्ठा कर घर का ताला तुड़वाया। सुपौल महिला थाना अध्यक्ष प्रमिला कुमारी ने बताया कि मामले में शिकायत मिली है। पीड़ित महिला के बयान पर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।

वहीं पीड़ित महिला के पिता का कहना है कि उनकी पुत्री बीटेक पास है। उनके मुताबिक ये सभी लोग दिल्ली में रहते थे व ससुराल पक्ष के लोग भी दिल्ली में ही निवास करते थे। वहीं पर शादी हुई। इस दौरान 17 लाख रुपये का दहेज दिया गया था। जिसमें कार भी शामिल थी। पर अब ससुराल पक्ष 10 लाख रुपये और दहेज मांग कर रहे हैं। पिता का आरोप है कि 10 लाख नहीं देने पर ससुर विक्रम चौधरी, सास आभा देवी, ननद राखी कुमारी और चांदनी कुमारी के द्वारा जान मारने की साजिश रचकर उनकी बेटी को घर में भूखा प्यासा कैद कर रखा गया। खाना मांगने पर उनकी बेटी से मारपीट की जाती थी।

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