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सड़क हादसे में घायलों को अस्पताल पहुंचाने पर एंबुलेंस चालक को मिलेगा भाड़ा, जानें नया नियम

बिहार में प्रत्येक वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में हजारों लोग जान गंवा देते हैं। वहीं राज्य में सड़क हादसों के बाद करीब 72 प्रतिशत लोगों की मौत होती है। देश के दूसरे राज्यों के आंकड़े काफी कम व भिन्न हैं। इन्हीं में सुधार करने के लिए नीतीश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।

Bihar government will pay ambulance drivers for injured person of road accident in admitted hospital bihar latest news
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प्रतीकात्मक तस्वीर

बिहार (Bihar) में हर वर्ष सड़क हादसों (road accidents) की वजह से हजारों लोगों की मौत हो जाती है। परिवहन विभाग ने इन्हीं मौतों में कमी लाने के लिए बड़ा निर्णय लिया है। निर्णय के तहत यदि कोई भी व्यक्ति सड़क हादसे में घायल (injured in road accident) हो जाता है। साथ ऐसे घायल व्यक्ति को कोई भी एंबुलेंस ड्राइवर (ambulance driver) अस्पताल पहुंचाएंगा तो बिहार सरकार (Bihar government) की तरफ से चालक को हादसा स्थल से लेकर अस्पताल पहुंचाने का भाड़ा दिया जाएगा (Ambulance driver will get fare)। ऐबुलेंस चालकों को यह राशि परिवहन विभाग की ओर से सड़क सुरक्षा निधि से दी जाएगी।

जानकारी के अनुसार सड़क हादसों में जख्मी हुए लोग बिहार में समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं। इस वजह से सड़क दुर्घटनाओं के चलते देश में सबसे ज्यादा मौतें बिहार में हो रही हैं। आधिकारिक आंकड़ों के तहत सड़क हादसों के बाद बिहार में 72 प्रतिशत लोगों की मौतें हो जाती हैं। वहीं देश के दूसरे राज्यों कर्नाटक में 27 प्रतिशत, केरल में 10.8 प्रतिशत, यूपी में 53 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 22 प्रतिशत और तामिलनाडु में केवल 18.4 प्रतिशत ही मौतें सड़क हादसों में होती हैं।

साल 2019 के डाटा के मुताबिक बिहार में 10007 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। जिनमें 7205 लोगों की जान चली गई। इन्हीं मौतों के आंकड़े में कमी लाने के लिए परिवहन विभाग ने फैसला लिया कि सड़क हादसे में घायल हुए व्यक्ति को बिना देर किए अस्पताल पहुंचाया जाए। सरकारी या सरकार से जुड़े एंबुलेंस ड्राइवरों की ओर से मरीज को अस्पताल पहुंचाने का मानक निर्धारित है। पर अज्ञात एंबुलेंस ड्राइवर यदि घायल को अस्पताल पहुंचाएं तो उसके लिए कोई राशि देने का प्रावधान नहीं है।

इस वजह से परिवहन विभाग ने निर्धारित किया है कि कोई भी एंबुलेंस ड्राइवर यदि सड़क हादसे के घायलों को पास के अस्पताल में पहुंचाएगा तो उसे सरकार की तरफ से तय भाड़ा मिलेगा। परिवहन विभाग का प्रयास है कि इस कदम के जरिए सड़क हादसों में होने वाली मौतों में कमी लाई जा सके।

ऐसे भी हो रहे प्रयास

बिहार में सरकारी और प्राइवेट एंबुलेंस को एक ही नंबर से जोड़े जाने के लिए कार्य चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधीन चल रही एंबुलेंस के साथ-साथ राज्य में चल रही प्राइवेट एंबुलेंस को एक ही टोल फ्री नंबर से जोड़ने की प्रक्रिया को लेकर कार्य चल रहा है। पूरे बिहार में करीब 1000 प्राइवेट एंबुलेंस चल रही हैं। सभी एंबुलेंस का एक ही टोल फ्री नंबर हो जाने से खास फायदा मिलेगा। वो है यदि आप कॉल करेंगे तो सरकारी हो या प्राइवेट एंबुलेंस, लेकिन मरीज को अस्पताल पहुंचाने में मदद मिलेगी।

राज्य में अभी ये सुविधा है उपलब्ध

जानकारी के अनुसार बिहार में वर्तमान में एडवांस लाइफ सपोर्ट प्रणाली से तैयार 76 एंबुलेंस उपलब्ध हैं। इसके अलावा राज्य में बेसिक लाइफ सपोर्ट प्रणाली से निर्मित करीब 1000 एंबुलेंस हैं। मुख्यमंत्री परिवहन योजना के मद्देनजर भी बिहार में 1000 से ज्यादा एंबुलेंस खरीदने की तैयारी है। हालिया दिनों में 350 से ज्यादा एंबुलेंस आम जनता के लिए मुहैया कराई गईं हैं। वर्ष के अंत तक इस योजना के तहत तमाम एंबुलेंस सड़क पर उतार दी जाएंगी। वहीं परिवहन विभाग सचिव के मुताबिक सड़क हादसों के बाद होने वाली मौतों में कमी लाने के लिए नीतीश सरकार हर स्तर पर कार्य कर रही है। भविष्य में भी इसके लिए परिवहन विभाग द्वारा कुछ ठोस कदम उठाए जाएंगे।

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