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बिहार चुनाव 2020: तेजस्वी से खफा जीतनराम मांझी जल्द महागठबंन को छोड़ देंगे !

Bihar Election 2020: बिहार में विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के बीच हम के अध्यक्ष जीतनराम मांझी लगातार चेतावनियां दे रहे हैं। बावजूद इसके राजद नेता तेजस्वी यादव के रुख में कोई बदलाव होता नहीं दिख रहा है। जिसके बाद अब मांझी का विपक्षी गठबंधन से अलग होना करीब-करीब तय है।

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हम अध्यक्ष जीतन राम मांझी

Bihar Election 2020: बिहार में विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के बीच हम के अध्यक्ष जीतनराम मांझी लगातार चेतावनियां दे रहे हैं। बावजूद इसके राजद नेता तेजस्वी यादव के रुख में कोई बदलाव होता नहीं दिख रहा है। जिसके बाद अब मांझी का विपक्षी गठबंधन से अलग होना करीब-करीब तय है।

वहीं, सूत्रों से जानकारी है कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतनराम मांझी की जनता दल युनाइटेड (जदयू) और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ डील लगभग पक्की हो गई है व जल्द मांझी बड़ी घोषणा करने वाले हैं। मांझी के एनडीए में शामिल होने के चर्चे तेज हैं व कहा जा रहा है कि सिर्फ नीतीश कुमार के साथ उनकी एक बैठक होनी बाकी है, जिसके बाद वो इसका औपचारिक रूप से घोषणा कर सकते हैं।

बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को मिली करारी हार के बाद से ही मांझी (राष्ट्रीय जनता दल) राजद पर लगातार सवाल उठाते रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले ही जीतनराम मांझी ने कोर्डिनेशन कमेटी की मांग की थी ताकि सभी फैसले साथ में लिए जा सकें और एक मंच पर महागठबंधन के सभी घटक दल हों लेककिन इस कमेटी का अबतक कुछ नहीं हुआ।

इसके बाद भी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मांझी चाहते थे कि कोऑर्डिनेशन कमेटी बने ताकि सीटों का बंटवारा व महागठबंधन में नेतृत्व कौन करेगा, इसका फैसला हो लेकिन राजद ने मांझी की इस मांग को तवज्जो नहीं दी और मांझी के खिलाफत के बावजूद राजद ने चुप्पी साध रखी है। इतना ही नहीं, महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी बताकर राजद ने खुलकर यह घोषणा कर दी कि चुनाव में सीएम का चेहरा तेजस्वी यादव होंगे व साथ ही सीटों का बंटवारा हो या कोई भी फैसला, वो राजद के अनुसार ही लिया जाएगा।

मांझी के लगातार उठाए जा रहे मांगों के बावजूद तेजस्वी यादव ने एक बार भी जीतनराम मांझी से मिलने की बात नहीं कही है, जो मांझी की नाराजगी की बड़ी वजह मानी जा रही है। राजद ने साफ कहा है कि मांझी से बात राजद के वरिष्ठ नेता करेंगे, ये मांझी के मोह भंग होने का दूसरा बड़ा कारण है। मांझी ने इसे अपनी तौहीन मान लिया है।

कोऑर्डिनेशन कमिटी पर राजद के रवैये से नाराज मांझी ने 10 जुलाई को पार्टी कोर कमिटी की बैठक बुलाई थी। कहा जा रहा है कि कोऑर्डिनेशन कमिटी पर राजद के असहयोगात्मक रवैये व अपनी उपेक्षा से नाराज जीतनराम मांझी ने महागठंधन ने निकलने का अब पूरा मन बना लिया है।

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