नीतीश के सुशासन में 10000 और एक लाख कोरोना जांच में मिल रहे बराबर मरीज, स्वास्थ्य कर्मियों पर नहीं है पीपीई किट: राजद
बिहार में स्वास्थ्य कर्मियों को बिना पीपीई किट कोरोना वायरस की जांच करनी पड़ रही है। साथ ही उचित दूरी का पालन भी नहीं हो रहा है। जिस पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार के 15 वर्षीय सुशासन में ऐसे एक लाख 20 हजार जांच के आंकड़े को पूरा किया जा रहा है। वहीं तेजस्वी ने कहा कि 10000 और एक लाख कोरोना जांच में बराबर ही मरीज मिल रहे हैं।

राजद ने तेजस्वी यादव ने रविवार को ट्विटर पर बिहार में चल रही कोरोना टेस्टिंग की तस्वीरें शेयर की हैं। जिसमें स्वास्थ कर्मी अपनी जान पर खेलकर बिना पीपीई पहने कोरोना संक्रमण की जांच करते हुये नजर आ रहे हैं। इसके अलावा जिस स्थान पर कोरोना वायरस की टेस्टिंग चल रही है। वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन होता दिखाई नहीं दे रहा है। उक्त स्थान पर कोरोना टेस्टिंग कराने वाले लोगों की लंबी लाइन लग रही है। इसके अलावा वे एक-दूसरे के बेहद करीब नजर आ रहे हैं।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट के माध्यम से रिक्सी कोरोना टेस्टिंग को लेकर 15 वर्षीय नीतीश कुमार सरकार के सुशासन पर सवाल खड़े कर दिये हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि 15 वर्षीय सुशासनी सह विज्ञापनी सरकार विपक्ष के भारी दबाव में है। वहीं उन्होंने कहा कि बिहार सरकार सूबे में रिक्सी कोरोना टेस्टिंग कराकर अब प्रतिदिन प्रतिदिन एक लाख20 हजार जांच का आंकड़ा ऐसे पूरा करवा रही है। वहीं तेजस्वी यादव ने कहा कि बीते दिनों जब सूबे में सिर्फ 10 हजार लोगों की कोरोना जांच की जा रही थी तो उनमें 3000 कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे थे। वहीं अब बिहार में प्रतिदिन एक लाख 20 हजार लोगों की कोरोना टेस्टिंग की जा रही है तो भी मात्र 3000 के आसपास कोरोना मरीज मिल रहे हैं।
मंगल पाण्डेय ने दी जानकारी
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने शनिवार को ट्वीट कर जानकारी दी कि सूबे में पिछले 24 घंटे में एक लाख 13 हज़ार 498 लोगों की कोरोना जांच की गई है। बिहार में अब तक कुल 16 लाख 12 हज़ार 250 जांच किये जा चुके है। वहीं उन्होंने 'बिहार ने है ठाना, कोरोना को है हराना' नारा बोला।