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World Breastfeeding Week 2022: दूध बढ़ाने के लिए अपनाएं ये असरदार घरेलू उपाय, बच्चे के लिए होगा लाभकारी

कई बार नवजात बच्चे (Newborn Babies) का पेट अपनी मां के दूध से नहीं भरता है। ऐसे में परेशान होने या सुने-सुनाए उपचार करने के बजाय अनुभवी वैद्य से सलाह लेकर कुछ उपायों पर अमल कर सकते हैं।

World Breastfeeding Week 2022: दूध बढ़ाने के लिए अपनाएं ये असरदार घरेलू उपाय, बच्चे के लिए होगा लाभकारी
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कई बार नवजात बच्चे (Newborn Babies) का पेट अपनी मां के दूध से नहीं भरता है। ऐसे में परेशान होने या सुने-सुनाए उपचार करने के बजाय अनुभवी वैद्य या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ (consulting an experienced Vaidya or Ayurvedic specialist) से सलाह लेकर कुछ उपायों पर अमल कर सकते हैं। नवजात बच्चे को मां के दूध की कमी न पड़े इसके लिए प्रेग्नेंसी के दौरान ही मां का ध्यान रखना चाहिए।

गर्भावस्था के दौरान मानसिक तनाव, घर में क्लेश, पौष्टिक भोजन का अभाव, भाग-दौड़ भरी जीवनशैली से शरीर के अंदर पोषण करने वाली ग्रंथियों पर भी दबाव बढ़ता है, परिणामस्वरूप हार्मोंस का संतुलन बिगड़ता है, जो दूध उत्पादन को धीमा कर देता है। इसलिए प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के बाद भी मां को तनाव से मुक्त रहना चाहिए। इस दौरान पौष्टिक भोजन और पर्याप्त आराम का ख्याल रखें। कैल्शियम युक्त भोजन के रूप में पालक, पुदीना, मेथी, चना, बींस, दाल, राजमा, मूंग, फूलगोभी, शलजम का सेवन करना चाहिए।

आजमाएं ये असरदार उपाय (Try These Effective Home Remedies)

प्रोलैक्टिन हार्मोन () मस्तिष्क में स्थित पिट्यूटरी ग्रंथि से संबंधित होता है। जब शिशु का जन्म होता है तो उस प्रोलैक्टिन हार्मोन की कार्यक्षमता स्वयं बढ़ जाती है, इसका स्तर बढ़ते ही महिला के स्तनों में दूध की बढ़ोत्तरी हो जाती है। इसके लिए कुछ बातों पर अमल करें।

  • प्रेग्नेंसी के दौरान मां को कच्चा नारियल खिलाना, दूध, घी का उचित मात्रा में सेवन करने से प्रसव के बाद पर्याप्त दूध उत्पन्न करने में मदद मिलती है।
  • प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के बाद अजवायन, गोंद और मेवा के लड्डू के सेवन से दूध का उत्पादन बढ़ता है।
  • प्रसव के बाद दशमूलारिष्ट, दशमूल क्वाथ, सौभाग्य शुंठी पाक का सेवन लाभकारी होता है।
  • प्रसव के बाद मां की मालिश भी अति आवश्यक है।
  • दूध बढ़ाने में बादाम और मेथी दाना का सेवन मां के लिए हितकर है।
  • प्राकृतिक मिठास से भरपूर खजूर प्रोलैक्टिन हारमोन को बढ़ाता है, जिसके कारण दूध में बढ़ोत्तरी होती है।
  • थोड़ा सा जीरा तवे पर भून लें, ठंडा होने पर पीस कर चूर्ण बनाएं। बराबर मात्रा में शतावरी चूर्ण मिला लें। आधा-आधा चम्मच सबेरे-शाम नियमित रूप से सेवन करने से निश्चय ही दूध की मात्रा में बढ़ोत्तरी होगी।

(यहां बताए गए उपचार सामान्य हैं, इन्हें आजमाने से पहले आयुर्वेद विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें)

वैद्य हरिकृष्ण पांडेय 'हरीश'

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Harsha Singh

Harsha Singh

दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की है। कॉलेज के दौरान ही कुछ वेबसाइट्स के लिए फ्रीलांस कंटेंट राइटर के तौर पर काम किया। अब बीते करीब एक साल से हरिभूमि के साथ सफर जारी है। पढ़ना, लिखना और नई चीजे एक्स्प्लोर करना पसंद है।


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