जानिए, शीत ऋतु कैसे भरता है जीवन में रंग, कैसे लें इस मौसम का आनंद
सबमिलकर जैसे हमें मौन संदेश देते हें कि अपने जीवन और रिश्तों में नए रंग भर हम इस ऋतु का भरपूर आनंद लें।

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??. ??. ?????Created On: 2 Dec 2014 12:00 AM GMT
नई दिल्ली. हालांकि सर्दी की शुरुआत तो शरद ऋतु के साथ ही हो जाती है लेकिन कड़ाके की ठंड से ठीक पहले का यह हेमंती मौसम बहुत अनोखा और सुहाना होता है। सुबह-सवेरे कहीं हल्की धुंध, उसमें से छनकर आती गुनगुनी धूप और रंग-बिरंगी फूल-पतियां प्रकृति के सौंदर्य को नया रुप-रंग देते हैं। सबमिलकर जैसे हमें मौन संदेश देते हें कि अपने जीवन और रिश्तों में नए रंग भर हम इस ऋतु का भरपूर आनंद लें। अपनों का साथ: शरद और उसके बाद आए हेमंत ऋतु की पहचान ही है-पोखरों में खिली कुमुदिनी और निखरी हुई खिली-खिली प्रकृति। पूरा परिवेश रोमांच से भरा नाचता-गाता सा नजर आता है, इस मौसम की सुहावनी ठंडक में। इस मौसम की इंद्रधनुषी छटा हर ओर रंग बिखेर देती है।
अपनों से जोड़ता है यह मौसम: प्रकृति के साथ ही इस मनोहारी मौसम में आमजन का मन भी खिला-खिला हो जाता है। उत्सव और मेलों का यह मौसम अपने साथ शादी-ब्याह के समारोहों की धूम भी ले कर आता है। हाड़ कंपा देने वाली सर्दी से पहले की यह सुहावनी ऋतु हमारे जीवन में ढेर सारे रंग भर देती है। इस सुहावनी ऋतु में अकसर सुबह देर तक धुंध छाई रहती है, वहीं शाम जल्दी अंधेरा हो जाता है। ऐसे में सुबह की गुनगुनी धूप में अपनों के साथ बैठकर चाय पीने और रात को अलाव जलाकर घंटों साथ बैठकर बतियाने वाला यह मौसम अपनों को और करीब लाता है।
कुछ पल चुराकर सब साथ मिल बैठते हैं। यह साथ मिलता है तभी तो रिश्तों को पोषण मिलता है। यह मौसम हमारे उन संबंधों को सींचता है, जो जीवन की आपा-धापी में कहीं खो से गए हैं। अपनों के साथ अलाव के पास घेरा बनाकर बैठे हर तन को ताप और मन को सुकून भरी ठंडक मिलती है। अलाव के पास बैठ अपनों के साथ भुनी मूंगफली की खुशबू और साझा कर खाने का अहसास भी जीवन को अपनेपन की महक से सराबोर करते हैं।
खिल उठती है प्रकृति: इस ऋतु में हरियाली का एक छत्र राज होता है, रंग-बिरंगे फूल हर ओर खिले रहते हैं। प्रकृति की ये सौम्यता, मन और जीवन को उत्साहित एवं उल्लासित करती है। इस मौसम के सौंदर्य को कितने ही कवियों ने अपनी काव्यात्मक रचनाओं में भी उकेरा है। इसीलिए इस ऋतु को कोमलता और माधुर्य का संगम कहा जाता है, जो मानवीय भावनाओं को जीवंत बनाए रखती है।
सेहत के लिए वरदान: कहते हैं कि सर्दी के मौसम में जो खाया-पिया जाता है, वो साल भर काम आता है। सच भी है क्योंकि यह मौसम तो सेहत के लिए वरदान समान है। लड्डू और मेवे किसी और मौसम में अच्छे नहीं लगते लेकिन सर्दी के मौसम में सबको भाते हैं। ये सब चीजें शरीर को गर्मी देने वाली होती हैं, जिससे स्वास्थ्य चुस्त-दुरुस्त बना रहता है। इस मौसम में मालिश और व्यायाम का फायदा भी कई गुना मिलता है। इसीलिए सभी मौसमों में इस ऋतु को सबसे स्वस्थ ऋतु माना गया है। यह स्वास्थ्य के लिए सबसे अनूकूल और उपयुक्त मौसम है। इस मौसम में पाचन तंत्र पूरी क्षमता के साथ काम करता है। इसीलिए अच्छा खाने और सेहत संवारने का असर तन ही नहीं मन पर भी पड़ता है और हम प्रसन्न रहते हैं।
नीचे की स्लाइड्स में जानिए, ये है जायके का मौसम -
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