''बैचलर्स'' के लिए रूम लेना होगा आसान, जानिए कैसे
कुंवारे किराएदारों के लिए ज्यादातर घरों के दरवाजें बंद हैं।

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[email protected]Created On: 19 Jan 2017 12:00 AM GMT
नई दिल्ली. सर! क्या रेंट पर रुम मिल सकता है। हां रुम मिल सकता है। क्या बैचलर हो? सॉरी! बैचलर नॉट अलाउड। ऐसा आपने एक नहीं कई बार सुना होगा बैचलर होना एक बड़ी समस्या हो जाता है तब जब आप किसी नए शहर में जाएं और आपको बैचलर होने के कारण दुत्कार दिया जाता है।
यह एक आम समस्या हो गई है। लोगों के बीच ऐसी सोच बन गई है कि किसी भी बैचलर लड़के को किराएदार रखना आपकी सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकता है। आपको बड़े-बड़े शहरों में घरों और अपार्टमेंट के बाहर 'बैचलर नॉट अलाउड' जैसे बोर्ड लगे दिख जाएंगे। कुंवारे किराएदारों के लिए ज्यादातर घरों के दरवाजें बंद हैं।
बैचलर शब्द सुनकर लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच जाती हैं। यह एक भ्रम है जो लोगों के दिमाग में पल रहा है कि किसी भी बैचलर को किराएदार रखना अपने लिए मुसीबत मोल लेना है। घर में एक अनजान कुंवारे लड़के के होने पर आप टेंशन फ्री नहीं रह सकते। आप के घर में महिलाएं हैं तो आपकी चिंता दोगुनी होनी वाजिब है। वहीं लड़कियों के लिए यह समस्या कम ही है।
द लॉजिकल इंडियन की रिपोर्ट के मुताबिक हम आपको इस मामल पर एक पूरी रिसर्च बता रहे हैं। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, पुणे और हैदराबाद जैसे बड़े शहरों मे करीब 3 हजार लड़कों को ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। उन्हें अपनी फैसली के बारे में जानकारी देने से लेकर कैरेक्टर सर्टिफिकेट तक दिखाने का कोई फायदा नहीं हुआ। बैचलर्स की इस समस्या को दिखाने के लिए 'नेस्ट वे' ने 'होम दैट नॉट डिस्क्रिमिनेट' नाम से एक कैंपेन शुरु किया हैं। जिसमें मकान मालिकों पर तंज किया गया है। और दिखाया गया है कि कैसे लड़के रुम के लिए पापड़ बेलते हैं। इस वीडियो का सीधा मतलब यही है कि लोगों की सोच बदलनी चाहिए। जिससे बैचलर्स के लिए रुम लेना आसान हो जाए।
यह मजेदार ऐड वीडियो आप यहां देख सकते हैं-
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