बच्चे की जिद्द और गु्स्सैल व्यवहार से हैं परेशान, तो करें ये 5 काम
अपने बच्चे के जिद्दी और गुस्सैल व्यवहार से कई पैरेंट्स परेशान रहते हैं। लेकिन इसके लिए सिर्फ बच्चा ही जिम्मेदार नहीं होता है, पैरेंट्स का रोल भी इसमें होता है। बच्चे के जिद्दी-गुस्सैल व्यवहार को बदलने के लिए पैरेंट्स को कुछ जरूरी बातों को अमल में लाना होगा।

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शिखर चंद जैनCreated On: 19 Dec 2018 12:57 PM GMT
आभा अपनी दीदी काम्या के घर में घुसी तो उसे शोरगुल सुनाई पड़ा। सोचा दीदी के बच्चे आपस में लड़ रहे होंगे। लेकिन भीतर का नजारा अलग था। किचेन में कई डिब्बे और बर्तन फर्श पर पड़े थे। दीदी का बारह वर्षीय बेटा अभिषेक औंधे मुंह पड़ा रो रहा था और दीदी उसे डांट रही थी। नौ साल की अनु डरी हुई थी, वह कोने में खड़ी होकर सिसक रही थी। आभा ने पूछा तो पता चला कि अभिषेक मोहल्ला क्रिकेट टूर्नामेंट में शामिल होने के लिए तीन रुपए मांग रहा है। जिसके लिए उसके पापा ने मना कर दिया।
दरअसल, जल्द ही अभिषेक के एग्जाम हैं। ऐसे में क्रिकेट टूर्नामेंट का हिस्सा बनने से उसकी पढ़ाई का नुकसान होगा, यह बात अभिषेक नहीं समझ रहा है। बस इसी बात से गुस्सा होकर अभिषेक ने रसोई में तोड़-फोड़ मचा दी और चीखने-चिल्लाने के बाद रोने लगा। आभा ने धीरे से अपनी दीदी काम्या से कहा, ‘दीदी, यह सब आपके और जीजाजी के लाड़-प्यार का नतीजा है।’
तो काम्या खीझकर बोली,‘ये तो पैदा हुआ तब से ही ऐसा है। हमने थोड़ी सिखाया है इसे बर्तन फेंकना और इतना जिद करना। काम्या भले ही न माने लेकिन सच यही है कि कोई भी बच्चा जन्म से बिगड़ा हुआ नहीं होता, वह माता-पिता के लाड़-प्यार और व्यवहार के कारण ऐसा बनता है। ऐसे में पैरेंट्स को चाहिए कि शुरुआत से ही बच्चे को अनुशासित और व्यवहार कुशल बनाएं।
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ऐसे बनता है बच्चा जिद्दी
कोलकाता के फोर्टिस हॉस्पिटल में सीनियर साइकिएट्रिस्ट डॉ. संजय गर्ग कहते हैं, ‘बच्चे को बहुत लाड़-प्यार करना, उसकी हर जिद को पूरा कर देना और उसकी अनुशासनहीनता को हंसकर टाल देना ही आगे चलकर मां-बाप के लिए परेशानी का सबब बन जाता है। बार-बार ऐसा करने से बच्चा घमंडी, जिद्दी और जरूरत से ज्यादा उम्मीद रखने वाला बन जाता है। बाद में जब वह डिमांडिंग हो जाता है और उसकी कोई इच्छा पूरी नहीं होती तो वह उद्दंड, विद्रोही और कभी-कभी हिंसक भी हो जाता है।’
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के मनोविज्ञानी डॉ. रिचर्ड ब्रोमफील्ड ने अपनी किताब ‘हाऊ टू अनस्पॉइल यूअर चाइल्ड फास्ट’ में लिखा है, ‘ज्यादातर पैरेंट्स, इस बारे में बिल्कुल ब्लैंक होते हैं कि अपने बच्चे को अनुशासित कैसे रखें। वे बच्चे का दिल नहीं दुखाना चाहते और उन्हें नाराज नहीं करना चाहते हैं, इसलिए उनकी इच्छाओं को पूरा करते रहते हैं।’ पैरेंट्स यही गलती करते हैं और बच्चा जिद्दी बन जाता है।
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