बुढ़ापे में योग करने से कमजोर नहीं होती है यादाश्त: रिसर्च
शोध के मुताबिक, बुढ़ापे में योग करने से यादाश्त कमजोर नहीं होती है।

वैसे तो योग करना आपके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। मगर इसका एक और फायदा है जो वृद्धावस्था में आपको समझ में आएगा।
एक शोध में यह बात सामने आई है कि लंबे समय तक योग करना आपके मस्तिष्क की संरचना को बदल सकता है। यानी योग करने से बुढ़ापे में समझ-बूझ में आने वाली कमी और यादाश्त को कमजोर होने से बचा सकता है।
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जर्नल फ्रंटियर्स इन एजिंग न्यूरोसाइंस के रिसर्च के मुताबिक, योग की तरह की प्रैक्टिस करने से ऐसा हो सकता है। ब्राजील के साओ पाउलो में हॉस्पिटल इजरैलिटा अल्बर्ट आइंस्टीन की शोधकर्ता एलिसा कोजासा ने कहा कि मांसपेशियों की तरह ही मस्तिष्क भी प्रशिक्षण से डेवलप होता है।
उम्र बढ़ने के साथ ही मस्तिष्क की संरचना और कार्यक्षमता में बदलाव होता है और इससे अक्सर ध्यान, स्मृति में कमी हो जाती है। इस दौरान मस्तिष्क में एक ऐसा बदलाव होता है, जिसमें सेरेब्रल कॉर्टेक्स पतला हो जाता है, जो वैज्ञानिकों के अनुसार संज्ञानात्मक गिरावट से संबंधित है।
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बता दें कि शोधकर्ताओं ने योग करने वाली बुजुर्ग महिलाओं के दिमाग की इमेज ली तो उन्होंने पाया कि उनके बाएं प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स में अधिक कॉर्टिकल की मोटाई अधिक थी।
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