दिल के मरीजों के लिए ''थ्री डी दिल'', प्रिंटर से कागज की तरह होगा प्रिंट
वैज्ञानिकों ने बनाया थ्री डी दिल

लंदन. अगले दस साल में आपको दिल भी 3डी प्रिंट होकर मिलेगा और वह सामान्य ह्वदय की तरह काम करेगा। यह बायोइंजीनियरिंग से संभव होगा। दुनिया के शीर्ष ह्वदय रोग विशेषज्ञों ने यह दावा किया है।
बायोइंजीनियरिंग से होगा संभव, सामान्य हृदय की तरह काम करेगा
अमेरिका की लुइसविल विवि के कार्डियोवस्क्युलर इनोवेशन इंस्टीट्यूट के प्रमुख डॉ. स्टुअर्ट विलियम के मुताबिक, यह दिल 3डी प्रिंटर और मरीज की ही कोशिकाओं से बनाकर उसमें प्रत्यारोपित किया जाएगा। इसमें एक दशक लगेगा। विलियम का दावा है कि उनकी 20 सदस्यीय टीम कोरोनरी धमनी और सबसे छोटी रक्त वाहिकाओं के 3डी प्रिंट तैयार कर चुकी है।
विलियम की टीम ने चूहों के दिल के कुछ हिस्से प्रिंट किए। केंटुकी यूनिवर्सिटी में खरगोशों के लिए नई हड्डियां विकसित करने के लिए इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया।
ऐसे करेगा काम
प्रिंटेड रक्त वाहिकाएं मरीज के ऊतक के साथ दोबारा जुड़कर ह्वदय में रक्त प्रवाह करेंगी। अब ऊतक की बायोइंजीनियरिंग के दूसरे तरीके तलाशे जा रहे हैं, ताकि और रक्तवाहिकाएं बन सकें। दिल बनाने के लिए 3डी प्रिंटर विकसित किए जा रहे हैं। शुरू में ये प्रिंटर मांसपेशियों, रक्त वाहिकाओं, वाल्व जैसे हिस्सों को प्रिंट करेंगे। पूरा दिल एक बार में ही प्रिंट होगा। इस प्रक्रिया में सिर्फ तीन घंटे लगेंगे।
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