Blindness Week: आंखों की इन परेशानियों से जूझ रही भारत की आधी आबादी, देखें बचाव के उपाय
Eye Care Tips: आंखों की एक्स्ट्रा केयर करना हम सभी के लिए बहुत जरूरी है। यहां जानिए सरकार क्यों प्रिवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस वीक मनाती है।

इन आसान टिप्स के साथ आंखों की रक्षा करें।
Prevention of Blindness Week: इंसान के शरीर में सबसे सेंसिटिव पार्ट आंखें होती हैं। नेत्रों के बिना जीवन जीने की कोई इंसान कल्पना भी नहीं करना चाहता है। इसके बावजूद हम सभी लोग आंखों का ही ख्याल नहीं रखते हैं। ऐसे में भारत सरकार द्वारा हर साल 1 से 7 अप्रैल के बीच Prevention of Blindness Week मनाया जाता है ताकि लोगों को आंखों को हेल्दी रखने के लिए जागरूक किया जा सके। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इंडिया में 50 और उससे ज्यादा उम्र वाले लोगों में 1.99 प्रतिशत लोग अंधेपन का शिकार हैं, वहीं 66.2 प्रतिशत लोग मोतियाबिंद से पीड़ित हैं। इसके अलावा 8.2 प्रतिशत लोग कॉर्निया की बीमारी और आंख की पुतली से संबंधित बीमारियों से ग्रस्त हैं। साथ ही, 5.5 लोग ग्लूकोमा की बीमारी से जूझ रहे हैं। इन बीमारियों में आंखों के पीछे होने वाले ऑप्टिक नर्व खराब हो जाते हैं। इस वजह से व्यक्ति अंधेपन का शिकार हो जाता है। ऐसे में लोगों को इन बीमारियों से बचने के लिए बेहद सतर्क रहना चाहिए।
आंखों को हो सकती हैं ये समस्याएं
आजकल बहुत से लोग डायबिटिक रेटिनोपैथी के शिकार होते हैं। इस बीमारी में डायबिटीज के मरीजों में आंख की नर्व खराब हो जाती है। बढ़ती उम्र के कारण भी कई लोग Macular Degeneration, Trachoma, Uncorrected Refractive Error जैसी बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। बता दें कि इन सभी बीमारियों के अलावा इंसान को हाइपोटोनिया के कारण अंधेपन की शिकायत भी हो सकती है। आंखों से जुड़ी सभी तरह की बीमारियों से बचने के लिए सबसे पहले आपको आंखों में होने वाले इंफेक्शन से बचना होगा। जैसा हमने आपको बताया, आंख शरीर का सबसे सेंसिटिव हिस्सा है। ऐसे में इसकी एक्स्ट्रा देखभाल करना बहुत ज्यादा जरूरी है। यही कारण है कि जब भी आपकी आंख में दिक्कत हो, तो आपको सबसे पहले डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
आंखों के लिए बरतें ये सावधानियां
डायबिटीज के मरीज अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखें। साथ ही, आंखों में कैटरेक्ट और ग्लूकोमा जैसी समस्या हो, तो उसका वक्त रहते इलाज करवाएं। आंखों की बेहतर केयर के लिए आपको 3 महीने में एक बार आई चेकअप करवाना चाहिए। विटामिन ए से भरपूर चीजों को अपने डाइट में शामिल करें। ज्यादा से ज्यादा मौसमी फल और सब्जियां अपनी डाइट में शामिल करें। कंप्यूटर और मोबाइल का इस्तेमाल कम से कम करें और कोशिश करें कि आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए रोजाना एक्सरसाइज और योग करें। आजकल सबसे ज्यादा समस्या स्क्रीन टाइम की होती है, इसे कम करने से आपकी आधी परेशानियां अपने आप कम हो जाएंगी।

Harsha Singh
दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की है। कॉलेज के दौरान ही कुछ वेबसाइट्स के लिए फ्रीलांस कंटेंट राइटर के तौर पर काम किया। अब बीते करीब एक साल से हरिभूमि के साथ सफर जारी है। पढ़ना, लिखना और नई चीजे एक्स्प्लोर करना पसंद है।