एचआईवी का जन्मस्थान है अफ्रीकी देश कांगो, वैज्ञानिकों ने लगाया निश्चित जगह का पता
सेंट्रल अफ्रीका में बसे शहर किन्शसा से ही 1920 के दशक में इस वायरस की शुरुआत हुई।

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haribhoomi.comCreated On: 3 Oct 2014 12:00 AM GMT
लंदन. इंसान की सबसे घातक बीमारी एचआईवी एड्स के उत्थान का वैज्ञानिकों ने पता लगा लिया है। इस वायरस ने पिछले 30 सालों में 7 करोड़ 50 लाख लोगों को मौत की नींद सुला दिया है, तो कई करोड़ लोग अभी भी इससे जूझ रहे हैं। हजारों विषाणुओं के जेनेटिक एनालिसिस के बाद यह बात साफ हो गई है कि एचआईवी ने किन्शसा से अपना पांव फैलाना शुरू किया और धीरे-धीरे सारी दुनिया पर छा गया। किन्शसा तब बेल्जियन कॉन्गो की राजधानी हुआ करता था, और लियोपॉल्डविले के नाम से जाना जाता था। यहां से एचआईवी का प्रसार तेजी से हुआ क्योंकि यह तब सेन्ट्रल अफ्रीका का सबसे बड़ा शहर था और 'बुशमीट' का बड़ा बाजार था।
पूरे सेंट्रल अफ्रीका से लोगों की यहां आवाजाही होती थी, और यही वजह है कि यह वायरस तेजी से इस महाद्वीप में फैल गया। एक अनुमान के मुताबिक दुनिया में इस समय 3 करोड़ 50 लाख लोग इस वायरस की चपेट में हैं। ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के मुताबिक एचआईवी-1 की खोज के 30 साल बाद हम यह पता लगाने में सफल रहे हैं कि सेंट्रल अफ्रीका में बसे शहर किन्शसा से ही 1920 के दशक में इस वायरस की शुरुआत हुई। हमने कई अध्ययन किए और हर बार चीजें इसी शहर की तरफ इशारा करती थीं। इस बात का पता हमें तब चला जब हमने एचआईवी से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत रूप से ध्यान दिया।
नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, 13 प्रकार के वायरसों ने चिंपैजी के जरिए फैलाया एचआईवी-
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