काला चश्मा पहनने का है शौक तो, जरूर जान लें ये बातें
पैसा बचाने के चक्कर में सस्ता चश्मा नहीं खरीदना चाहिए।

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haribhoomi.comCreated On: 26 Nov 2016 12:00 AM GMT
नई दिल्ली. चश्मा पहनना जहां धूप और धूल से बचाता है वहीं दूसरी तरफ सनग्लासेज पहनना हमेशा से फैशन में रहा है। हालांकि ये बात अलग है कि कुछ लोग सनग्लास स्मार्ट और क्लासी लुक के लिए पहनते हैं तो वहीं कुछ लोग अपनी आंखों को सलामत रखने के लिए। दरअसल, सनग्लासेज को लेकर कई तरह के मिथ भी हैं, अगर आप भी चश्मे के शौकीन हैं तो इन बातों को जान लें...
- जब भी सनग्लास लेने जाएं तो शेड्स खरीदते वक्त आप अक्सर कीमत देखते हैं लेकिन कीमत देखने के अलावा आपको यह देखना चाहिए कि जिस शेड्स को आप पसंद कर रहे हैं वह आपकी आंखों को UVA और UVB किरणों से सुरक्षित रख रही है या नहीं।
- सनग्लासेस को लेकर मिथ है कि हमेशा काले रंग का चश्मा ही पहनना चाहिए इससे धूप से सुरक्षा मिलती है, लेकिन ऐसा नहीं है। समग्लास किसी भी रंग का हो इसका UV प्रोटेक्शन फैक्टर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
- एक्सपर्ट्स की माने तो, बड़े लेन्स वाले सनग्लासेज अच्छे होते हैं क्योंकि वो कड़ी रोशनी से आंखों को बचाते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि आप भी बड़े शेड्स के ग्लास लें।
- कहा जाता है कि सनग्लास पर स्क्रेच है तो वह अच्छा होता है, लेकिन ऐसा नहीं है। स्क्रेच सनग्लास पहनने पर देखने के आंखे अफनी सीमा से ज्यादा जोर लगाती हैं जिससे आंखों पर बुरा असर पड़ता है।
- अगर आप सोचते हैं कि सारे सनग्लासेज एंटी-ग्लेयर होते हैं तो आप गलत है। सिर्फ वे चश्मे ही एंटी-ग्लेयर होते हैं जिनमें पोलराइज्ड लेंस होता है।
- पैसा बचाने के चक्कर में सस्ता चश्मा नहीं खरीदना चाहिए। हमेशा अच्छी क्वालिटी के शेड्स खरीदना ही सही होता है.
- अक्सर लोग सोचते हैं कि डार्क लेंस आंखों की ज्यादा सुरक्षा करते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। कलर का सुरक्षा से कोई संबंध नहीं है।
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