Makar Sankranti 2019 : ये है मकर संक्रांति का महत्व, जानिए इस त्यौहार का महाभारत से क्या है संबंध
अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक 1 जनवरी 2019 से नए साल की शुरूआत हो चुकी है। इसी नए साल के साथ ही भारत में त्यौहारों की भी शुरूआत हो जाती है। जिसमें ''मकर संक्रांति'' 2019(Makar Sankranti 2019) सबसे पहला त्यौहार होता है। इस त्यौहार को देश में अलग अलग राज्यों और हिस्सों में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है। आमतौर पर लोग ''मकर संक्रांति'' 2019(Makar Sankranti 2019) का त्यौहार मनाते तो हैं, लेकिन उसके महत्व और इसको मनाने की वजह नहीं जानते हैं। जिसकी वजह से हमेशा पूजा में कुछ न कुछ अधूरा रह जाता है।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 2 Jan 2019 1:37 PM GMT
Makar Sankranti 2019 Makar Sankranti ka Mahtav
हिन्दू धर्म शास्त्रों में मकर संक्रांति का महत्व बहुत है, आपको बता दें कि इस साल 2019 मकर संक्रांति कब है, अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक 1 जनवरी 2019 से नए साल की शुरूआत हो चुकी है। इसी नए साल के साथ ही भारत में त्यौहारों की भी शुरूआत हो जाती है। मकर संक्रांति २०१९ जिसमें 'मकर संक्रांति' 2019 (Makar Sankranti 2019) सबसे पहला त्यौहार होता है। मकर संक्रांति कब है 2019 में ये तो आपको हम बता चुके हैं आब बात करते हैं मकर संक्रांति के बारे में, तो इस त्यौहार को देश में अलग-अलग राज्यों और हिस्सों में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है। मकर संक्रांति क्यों मनाते है तो बता दें कि आमतौर पर लोग 'मकर संक्रांति' 2019 (Makar Sankranti 2019) का त्यौहार मनाते तो हैं, लेकिन उसके महत्व और इसको मनाने की वजह नहीं जानते हैं। जिसकी वजह से हमेशा पूजा में कुछ न कुछ अधूरा रह जाता है। इसलिए आज हम आपको मकर संक्रांति' 2019 (Makar Sankranti 2019) के महत्व और उसकों मनाने की वजह के साथ इससे जुड़े तथ्यों के बारे में बता रहे हैं, जिससे आप इस बार मकर संक्रांति' 2019 (Makar Sankranti 2019) के उत्सव को परिवार और दोस्तों के साथ सहर्ष मना पाएं।
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'मकर संक्रांति' का महत्व (Makar Sankranti ka mahtav)
मकर संक्रांति' 2019 (Makar Sankranti 2019) का त्यौहार जनवरी यानि पौष के महीने में मनाया जाता है। मकर संक्रांति के महत्व की बात करें तो हिंदू धर्म में सूर्य यानि सूरज को प्रमुखता दी जाती है। जिसकी वजह से हिंदू धर्म में सूर्य की दिशा परिवर्तन के मुताबिक त्यौहारों और मांगलिक कार्यों की तिथि का निर्धारण किया जाता है। हिन्दू शास्त्रों में हर महीने को दो भागों में बांटा गया है - कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष। इसी तरह साल को भी उत्तरायण और दक्षिणायन दो हिस्सों में बांटा गया है।
साल को उत्तरायण और दक्षिणायन के रूप में बांटने के पीछे सूर्य की दिशा परिवर्तन को मुख्य वजह होती है। पौष माह यानि जनवरी के महीने में मकर संक्रांति' 2019(Makar Sankranti 2019) के समय सूर्य अपनी दिशा में (सूर्य पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए) की दिशा में परिवर्तन करते हुए दक्षिण से उत्तर दिशा की तरफ आ जाता है। जिसकी वजह से इस काल को उत्तरायण भी कहा जाता है।
वैसे तो मकर संक्रांति' 2019 (Makar Sankranti 2019) पर होने वाली सूर्य की दिशा परिवर्तन एक खगोलीय घटना है। लेकिन ज्योतिष शास्त्र के मुताबिकमकर संक्रांति' 2019(Makar Sankranti 2019) के समय सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है। जिसका असर मानव जीवन, प्रकृति और मौसम पर भी पड़ता है। इसलिए शास्त्रों में मकर संक्रांति' 2019 (Makar Sankranti 2019) के त्यौहार का विशेष महत्व माना गया है।
हिन्दू शास्त्रों में मकर संक्रांति' 2019 (Makar Sankranti 2019) के त्यौहार को वृक्षों में पीपल, हाथियों में ऐरावत और पहाड़ों में हिमालय के समान महत्व दिया गया है। इसलिए इस दिन 'दान और स्नान' का भी बहुत बड़ा महत्व माना गया है। दान में तिल, तिल से बनी चीजें, गुड़ और नया अनाज में दाल-चावल के दान के रूप में दिया जाता है।
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'मकर संक्रांति' से 'महाभारत' का संबंध
हिन्दू शास्त्रों के मुताबिक मकर संक्रांति' 2019 (Makar Sankranti 2019) के त्यौहार का संबंध 'महाभारत' काल से भी जुड़ा हुआ है। क्योंकि एक मान्यता के मुताबिक 'मकर संक्रांति' 2019 (Makar Sankranti 2019) के दिन ही पवित्र गंगा नदी का धरती पर अवतरण हुआ था। इसलिए इस दिन 'गंगा' नदी में स्नान को बहुत ज्यादा महत्व दिया जाता है।
इसके साथ ही सूर्य के उत्तरायण होने पर यानि 'मकर संक्रांति' 2019 (Makar Sankranti 2019) के दिन ही 'भीष्म पितामह' ने इच्छामृत्यु (स्वेच्छा से शरीर छोड़ना) प्राप्त की थी। क्योंकि माना जाता है कि सूर्य के उत्तरायण के समय देह त्याग करने या मृत्यु को प्राप्त होने वाली आत्माएं कुछ काल के लिए 'देवलोक' में जाती हैं। जिससे आत्मा को 'पुनर्जन्म' के चक्र से छुटकारा मिल जाता है और इसे 'मोक्ष' प्राप्ति भी कहा जाता है।
भगवान 'श्रीकृष्ण' ने बताया 'मकर संक्रांति' का महत्व (Makar Sankranti Importance)
भगवान 'श्रीकृष्ण' ने गीता में भी गीता में 'मकर संक्रांति' 2019 (Makar Sankranti 2019) पर सूर्य के उत्तरायण होने के महत्व के बारे में बताया है जिसके मुताबिक, सूर्य के उत्तरायण के छह मास का समय बेहद शुभ समय होता है,क्योंकि जब सूर्य देव उत्तरायण होते हैं तो पृथ्वी प्रकाशमय रहती है इस प्रकाश में शरीर का परित्याग करने से व्यक्ति का पुनर्जन्म नहीं होता, ऐसे लोग ब्रह्म को प्राप्त होते हैं। जबकि सूर्य के दक्षिणायण होने पर पृथ्वी अंधकारमय होती है और इस अंधकार में शरीर त्याग करने पर पुनः जन्म लेना पड़ता है।
इसके साथ ही इस समय की सूर्य की किरणें सेहत और शांति को बढ़ाती हैं। जिस तरह पौधा प्रकाश में अच्छे से खिलता है, अंधकार में सिकुड़ जाता है। उसी तरह मानव जीवन और प्रकृति भी इस दौरान अपने स्वरूप को बदलने की प्रक्रिया की शुरूआत करती है और बसंत के आने पर अपना पूरा रूप बदल लेती है।
'मकर संक्रांति' कहाँ कैसे मानई जाती है (makar sankranti is celebrated in which state)
1. राजस्थान और गुजरात
'मकर संक्रांति' 2019 (Makar Sankranti 2019) पर राजस्थान और गुजरात में पतंग उड़ाने की पंरपरा है। जिसकी वजह से गुजरात में 'पतंग महोत्सव' भी मनाया जाता है। इसके अलावा घरों में सूर्य पूजा करने के लिए घेवर, फैनी, तिल के लड्डू बनाएं जाते हैं। तो वहीं, महिलाओं को सुहाग का सामान देना शुभ होता है।
2. उत्तर प्रदेश
'मकर संक्रांति' 2019 (Makar Sankranti 2019) का त्यौहार उत्तर प्रदेश बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन घरों में खिचड़ी बनाना और सेवन करना शुभ होता है। इसके अलावा इस दिन लोग तिल के लड्डू, तिल की गजक और मूंगफली के स्वाद का भी मजा उठाते हैं।
3. तमिलनाडु
'मकर संक्रांति' 2019 (Makar Sankranti 2019) के त्यौहार को तमिलनाडु में 'पोंगल' नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग घर में साफ-सफाई करने के बाद आंगन में आटे और चावल के आटे से रंगोली बनाते हैं। इसके बाद मिट्टी के बर्तन में खीर बनाई जाती है। जिसका सबसे पहले भोग सूर्य देव को लगाया जाता है। तमिलनाडु में ये त्यौहार 4 दिनों तक चलता है।
4. बिहार-झारखंड
'मकर संक्रांति' 2019 (Makar Sankranti 2019) के त्यौहार पर बिहार-झारखंड में खिचड़ी के साथ ही दही-चूड़ा बनाने की परंपरा होती है। इसके अलावा रात के भोजन में तिल से बने व्यजंन बनाए जाते हैं।
5. महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में 'मकर संक्रांति' 2019 (Makar Sankranti 2019) का त्यौहार 3 दिन तक मनाया जाता है। इस दौरान महाराष्ट्र की पारंपरिक 'पूरन पोली' खाई जाती है। साथ ही तिल से बने व्यंजनों को बांटकर पुरानी कड़वाहट को भुलाने की पहल की जाती है।
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