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घेवर के बिना अधूरे हैं ये त्योहार, जानें घेवर की रोचक कहानी

घेवर एक तरह की मिठाई है। कुछ प्रमुख त्योहारों में घेवर बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। घेवर के पीछे की कहानी बहुत रोचक है। वैसे तो बारिश की बूंदों की फुहार के साथ गर्मा-गरम पकौड़े और चटपटी चीजें खाने का मन करता है लेकिन इस मौसम में ये खास मिठाई घेवर भी काफी पसंद की जाती है।

घेवर के बिना अधूरे हैं ये त्योहार, जानें घेवर की रोचक कहानी
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घेवर एक तरह की मिठाई है। कुछ प्रमुख त्योहारों में घेवर बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। घेवर के पीछे की कहानी बहुत रोचक है। वैसे तो बारिश की बूंदों की फुहार के साथ गर्मा-गरम पकौड़े और चटपटी चीजें खाने का मन करता है लेकिन इस मौसम में ये खास मिठाई घेवर भी काफी पसंद की जाती है।

पहले के लोगों का मानना है कि घेवर के बिना रक्षाबंधन और तीज का त्योहार अधूरा माना जाता है। बता दें कि घेवर राजस्थान और ब्रज क्षेत्रों की प्रमुख पारंपरिक मिठाई है। ये मिठाई बरसात के दिनों में बनाई जाती है और इसे लोग खूब पसंद करते हैं।

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घेवर का इतिहास

हालांकि जब विस्तार से इसके इतिहास के बारे में जानने की कोशिश की गई तो इसके बारे में कोई खास इतिहास मालूम नहीं हुआ। लेकिन घेवर को राजस्थान की उत्पत्ति मानी जाती है। इसके अलावा ब्रज क्षेत्रों में घेवर अलग-अलग तरीकों से बनाए जाते हैं। घेवर को इंग्लिश में हनीकॉम्ब डेटर्ट के नाम से जाना जाता है।

त्योहारों से घेवर का कनेक्शन

तीज और रक्षाबंधन ये दो ऐसे त्योहार हैं जो घेवर के बिना अधूरे माने जाते हैं। राजस्थान में धूम-धाम से मनाई जाने वाली तीज में घेवर ही मिठास घोलता है। साथ ही ब्रज और उसके आस-पास के क्षेत्रों में एक परंपरा के अनुसार रक्षाबंधन पर बहन घेवर लेकर भाई के घर जाती है। बिना घेवर के भाई-बहन का ये त्योहार पूरा नहीं होता।

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इन चीजों से बनता है घेवर

सामान्य तौर पर मैदे और अरारोट के घोल को तरह-तरह के सांचों में डालकर घेवर बनाया जाता है। समय के साथ-साथ घेवर को प्रेजेंट करने के तरीके में बदलाव आया है, लेकिन आज भी घेवर का स्वाद पुराना ही। नए घेवर के रूप में लोग मावा घेवर, मलाई घेवर और पनीर घेवर ज्यादा पसंद कर रहे हैं।

घेवर के दाम

समय और जगह के साथ-साथ घेवर के दामों में भी परिवर्तन होता रहता है। घेवर 50-400 रुपए किलो तक के बिकते हैं। जहां सादा घेवर सस्ता होता है तो वहीं पिस्ता, बादाम और मावे वाले घेवर अपेक्षाकृत महंगे होते हैं। ज्यादातर लोग पिस्ता, बादाम और मावे वाले घेवर को पसंद करते हैं।

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