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Blood Clots in Summer: गर्मी में ब्लड क्लॉटिंग का खतरा दोगुना, जानें उपचार

बढ़ती गर्मी के करण ब्लड क्लॉटिंग पूर्ण रूप से स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा देते हैं, जोकि सेहत के लिए हानिकारक साबित होता है। तो आइये जानते हैं कि ब्लड क्लॉटिंग के जोखिम को कैसे कम करें।

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जानें ब्लड क्लॉटिंग के कारण और उपचार

Summer Side Effects: इन दिनों गर्मी का कहर काफी ज्यादा देखने को मिल रहा है। कई सारे शहरों में दिन का तापमान 45 डिग्री से ऊपर चला जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि सभी लोगों को इस मौसम में अपनी सेहत का विशेष ख्याल रखना चाहिए। तेज गर्मी और धूप के वजह से कई घातक प्रभाव हो सकते हैं। अगर गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी हो जाती है, तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए जोखिमों (Health Risk) की स्थितियों का कारण बन सकती है। डिहाइड्रेशन (Dehydration) की गंभीर स्थिति में शरीर में ब्लड क्लॉटिंग (Blood Clotting) का खतरा बढ़ने की आशंका रहती है। आपको बता दें कि ब्लड क्लॉटिंग या खून का थक्का (Meaning of Blood Clotting) बनना से तात्पर्य यह है कि जब खून तरल पदार्थ से एक जेल में बदलने लगता है, तो उसे ही ब्लड क्लोटिंग कहा जाता है।

डॉक्टर्स के अनुसार न सिर्फ इस गर्मी से बचाव करते रहना जरूरी है, बल्कि इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि शरीर में पानी की कमी न हो पाए। गर्मी और डिहाइड्रेशन के कारण दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी सेरेब्रल वेनस साइनस थ्रोम्बोसिस (Cerebral Venous Sinus Thrombosis) और डीप वेन थ्रोम्बोसिस जैसी समस्या होने का भी जोखिम हो सकता है।

गर्मी के कारण ब्लड क्लॉटिंग की समस्या का खतरा

हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं, शरीर के डिहाइड्रेटिड होने की स्थिति में आपका रक्त गाढ़ा या ज्यादा चिपचिपा हो जाता है और आपकी रक्त वाहिकाएं संकरी होने लगती है। इससे आपके सामान्य ब्लड सर्कुलेशन पर नकारात्मक असर पड़ता है। इसके अतिरिक्त ब्लड क्लॉटिंग को गंभीर चिकित्सा समस्या माना जाता है, जिसके कारण हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।

जानें डॉक्टर्स की राय

डॉक्टर्स का मानना यह हैं कि, गर्मी के दिनों में डिहाइड्रेशन की समस्या काफी आम है, यह रेड बल्ड सेल्स कॉन्संट्रेशन (हेमटोक्रिट) का कारण हो सकती है, जिसके कारण रेड बल्ड सेल्स और प्लेटलेट्स एकत्रित होने लग जाते हैं, जो रक्त के थक्कों का निर्माण करती है। रक्त के थक्के पूरी तरह से स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा देते हैं, जिसके कारण यह लोगों की सेहत के लिए जानलेवा साबित होता है।

इसके अलावा गर्मी के दिनों में सेरेब्रल वेनस साइनस थ्रोम्बोसिस का रिस्क भी बढ़ जाता है, जो स्ट्रोक की तरह ही खतरनाक मानी जाती है। इस स्थिति में ब्लड क्लॉटेड नसों में सूजन आ जाती है, जो स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकती है।

ब्लड क्लॉटिंग होने के कारण (Reasons of Blood Clotting)

एनीमिया

धूम्रपान

मोटापा

कुछ प्रकार के कैंसर

कोई बड़ी सर्जरी

आयु (60 वर्ष से अधिक)

पुरानी सूजन से जुड़ा कोई रोग

दिल का दौरा

संक्रमण जैसे (एचआईवी / एड्स, हेपेटाइटिस सी, या लाइम रोग)

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ब्लड क्लॉटिंग से बचाव के उपाय (Ways to Prevent Blood Clotting)

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, गर्मी के दिनों में इस तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव करना अति आवश्यक है। इसके लिए आपको इस बात का खास ध्यान रखना सबसे ज्यादा जरूरी है कि शरीर में पानी की कमी न होने पाए। रोजाना 2-3 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए।

अपनी स्किन को धूप से बचाएं, दिन के समय घर से बाहर न जाएं।

हीटस्ट्रोक से बचाव के तरीकों का पालन करें।

हल्के रंग के और सूती कपड़े पहनें।

हल्का भोजन करें। जैसे खिचड़ी इत्यादि।

लिक्विड पदार्थों का सेवन अधिक से अधिक मात्रा में करें।

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