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अॉफिस में सोना जरूरी होता है, पता है क्यूं

दफ्तर में हर आधे घंटे की झपकी बड़े काम की होती है।

अॉफिस में सोना जरूरी होता है, पता है क्यूं
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नई दिल्ली. अॉफिस में काम करते वक्त कभी-कभी आप बेहद थका हुआ महसूस करने लगते हैं, या नींद पूरी न हो पाने के कारण आपको अॉफिस में नींद आ रही है तो कोई नहीं आप एक हल्की झपकी ले सकते हैं। हम आपको बता दें कि दफ्तर में आधे घंटे की झपकी बड़े काम की होती है। कई देशों में लोगों को अॉफिस में काम करते हुए झपकी लेने के लिए बकायदा सरकारी परमीशन होती है।
अॉफिस में काम करते वक्त या लंच करने के बाद एक थोड़ी नींद लेना आपके लिए बहुत लाभकारी हो सकता है। जा हां इससे गुजरे लोग कहते हैं कि इससे दिनभर के लिए ज़्यादा ऊर्जा मिलती है। ये सुबह की तरह ही दिन की शुरुआत करने जैसा है। स्पाइन हेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण यूरोप में दोपहर की झपकी को 'सिएस्टा' कहा जाता है जिसके लिए सरकारी अनुमति होती है। चीन में भी इसके लिए काम करने वालों को आज्ञा दी जाती है।
वहीं जापान में संसंद की बैठक में ऊंघने या झपकी लेने वालों को मेहनती कहा जाता है। उंघना मेहनती होने की निशानी मानी जाती है। कहा जाता है कि कई दफ़्तरों में बॉस ऊंघने का नाटक करते हैं ताकि वो अपने सहयोगियों की बातें सुन सकें।
रिसर्च कहती है कि हमारा शरीर एक दैनिक क्रम यानी बॉडी क्लॉक के मुताबिक काम करता हैं। हमारे हॉरमोन्स हमारे बॉडी क्लॉक को चलाते हैं। नींद के पीछे जिस हॉर्मोन का हाथ है वो मेलाटॉनिन है। जब मेलाटॉनिन का स्तर बढ़ता है तो आपको नींद आती है। लेकिन जब सूरज की रोशनी आप पर पड़ती है तो मेलाटॉनिन का स्तर गिरता है और नींद गायब होने लगती है।
अमरीका की नेशनल स्लीप फ़ाउन्डेशन की नैटेली दाउतोविच कहती हैं कि नींद दिमाग की सफ़ाई करती है, मेटाबॉलिक वेस्ट और टॉक्सिन्स को मस्तिष्क से बाहर करना नींद का काम है। यही वजह है कि हम सभी को हर रात सात से नौ घंटे नियमित रूप से सोना चाहिए।
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