अपनी Lifestyle में करें ये छोटे-छोटे बदलाव, जानें क्या कहती हैं नेचुरल थैरेपिस्ट
नेचुरोपैथ के अनुसार हमारा शरीर और मन तभी बीमार होता है, जब प्रकृति (Nature) से दूरी बढ़ती है। प्राकृतिक तत्वों का संतुलन बनाकर हम हमेशा स्वस्थ (Healthy) और ऊर्जावान (energetic) बने रह सकते हैं। ऐसा करना कठीन नहीं है, बस कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना चाहिए।

प्रतीकात्मक तस्वीर
जितना हम लोग प्रकृति (Nature) से दूर भाग रहे हैं, उतनी ही शरीर में बीमारियां बढ़ती जा रही है। यहां नेचुरोथेरेपिस्ट डॉ. विनीता गुप्ता की ओर से कुछ टिप्स दिए जा रहे हैं, अगर आप एक हेल्दी लाइफ स्टाइल (Healthy Life Style) फॉलो करेंगे तो आपको कभी डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आइए जानते हैं कि कैसे आप अपनी लाइफ स्टाइल में बदलाव कर खुद को हेल्दी बना सकते हैं।
संतुलन है आवश्यक
नेचुरोथेरेपिस्ट डॉ. विनीता गुप्ता का कहना है कि प्रकृति आधारित जीवनशैली का मतलब है कि हेल्दी लाइफस्टाइल। जैसे हम किसी चीज का इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा करते हैं, वह हमारे स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकती है। ओवर ईटिंग बीमारियों को न्योता देता है तो भूखा रहना शरीर तंत्र को कमजोर करता है। ज्यादा काम करना थकाता है तो ज्यादा आलस्य भी आपको ऊर्जाहीन, तेजहीन बना देता है। हमारा शरीर पंच तत्वों-धरती, जल, अग्नि, आकाश और वायु से बना है और स्वस्थ शरीर के लिए इन पांचों तत्वों का संतुलन जरूरी है। जल, सूरज की किरणों के रूप में अग्नि, आकाश, धरती और हवा हमें मुफ्त मिलते हैं। तब क्यों न हम प्रकृति के इन तत्वों का लाभ उठाएं और बिना कुछ खर्च किए स्वस्थ जीवन की दिशा में मजबूती से कदम आगे बढ़ाएं।
ऐसे शुरू करें अपने दिन की शुरुआत
-रोजाना सुबह ब्रह्म मुहूर्त में यानी चार से छह बजे के बीच सोकर उठें।
-बिस्तर पर ही अपनी दोनों हथेलियों को जोड़कर उन्हें देखते हुए आंखों पर लगाएं।
-बिस्तर से उतरते ही दाहिने हाथ से धरती को छुएं और फिर हाथों को माथे से लगाएं। ऐसा तीन बार करते हुए धरती मां का सम्मान करें।
-दोनों हथेलियों को गर्माहट महसूस होने तक आपस में रगड़ें। पांच बार इन गर्म हथेलियों को चेहरे पर लगाएं।
-ठंडे पानी से मुंह धोएं और आठ-दस बार इस पानी से आंखें धोएं।
-अपने अंगूठे को ठोड़ी के बीच रखें और दबाव के साथ ऊपर उठाएं। ऐसा दो मिनट के लिए करें और फिर शौचालय जाएं।
इन बातों का रखें ध्यान
- कलाई से नीचे आपकी हथेली पर हर इंच पर एक्यूप्रेशर प्वाइंट होता है। बिना इस बात में उलझे कि अलग-अलग बिंदु कहां हैं, अंगुलियों के पोरों से लेकर पूरी हथेली पर हर इंच जगह को दूसरे हाथ की अंगुलियों और अंगूठे से आगे-पीछे दबाएं। ऐसा पांच बार करने से आपके शरीर के सभी अंग स्टिम्युलेट (सक्रिय और संतुलित) हो जाएंगे।
-इसके बाद मॉर्निंग वॉक के लिए पार्क या मैदान में जाएं और ताजी हवा-पेड़ों के बीच कम से कम एक घंटे टहलें। लंबी सांस छोड़ें। यह ब्रीदिंग एक्सरसाइज आपके दिल और दिमाग को स्वस्थ रखने का अचूक नुस्खा है। दिन में हल्का लेकिन पौष्टिक भोजन लें। रात को सोने से पहले आंखों को ठंडे पानी से धोएं।
-आपका पाचन तंत्र ठीक है या नहीं, यह जानने के लिए कड़ी सतह वाली सतह पर लेट जाएं और अपने अंगूठे से नाभि को दबाएं। अगर आपको दिल जैसी धड़कन महसूस होती है तो समझें कि सिस्टम ठीक है। जो लोग सोचते हैं कि उनके पास यह सब करने के लिए समय नहीं है, देर-सवेर उन्हें बीमार होकर बिस्तर पर लेटने का समय जरूर मिल जाएगा। तो आप क्या चाहते हैं स्वास्थ्य या बीमारी, फैसला आप ही कर सकते हैं।