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World Environment Day: विश्व पर्यावरण दिवस पर जानिए बिगड़ते पर्यावरण संतुलन का सेहत पर असर

World Environment Day : 5 जून (5 June)को हर साल दुनिया में वर्ल्ड एनवॉरमेंट डे (World Environment Day) मनाया जाता है। इस दिन स्कूल-कॉलेज, सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं बहुत बड़े स्तर पर लोगों को पर्यावरण को बचाने, पेड़-पौधों को लगाने और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए रैली, रोड शो,सेमिनारों का आयोजन करते हैं। ऐसे में आज हम भी विश्व पर्यावरण दिवस 2019 (World Environment Day 2019) के खास अवसर पर बिगड़ते पर्यावरण संतुलन के सेहत पर असर यानि मानव जीवन के लिए बढ़ रहे खतरों के बारे में बता रहे हैं। इस वर्ष की विश्व पर्यावरण दिवस 2019 की थीम (World Environment Day Theme 2019) है 'वायु प्रदूषण' ( Air Pollution)।

World Environment Day: विश्व पर्यावरण दिवस पर जानिए बिगड़ते पर्यावरण संतुलन का सेहत पर असर
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World Environment Day : 5 जून (5 June)को हर साल दुनिया में वर्ल्ड एनवॉरमेंट डे (World Environment Day) मनाया जाता है। इस दिन स्कूल-कॉलेज, सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं बहुत बड़े स्तर पर लोगों को पर्यावरण को बचाने, पेड़-पौधों को लगाने और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए रैली, रोड शो,सेमिनारों का आयोजन करते हैं। ऐसे में आज हम भी विश्व पर्यावरण दिवस 2019 (World Environment Day 2019) के खास अवसर पर बिगड़ते पर्यावरण संतुलन के सेहत पर असर यानि मानव जीवन के लिए बढ़ रहे खतरों के बारे में बता रहे हैं। इस वर्ष की विश्व पर्यावरण दिवस 2019 की थीम (World Environment Day Theme 2019) है 'वायु प्रदूषण' ( Air Pollution)।

बिगड़ते पर्यावरण संतुलन का असर :

1. लगातार और बड़े स्तर पर पेड़ों और जंगलों में होने वाली भारी कटाई की वजह से पर्यावरण को बेहद नुकसान पहुंच रहा है। इससे जलवायु परिवर्तन में बहुत तेजी से बदलाव देखा जा रहा है। दुनिया के अधिकांश शहर जलाने वाली तेज गर्मी की चपेट में आ गए हैं।

2. पेड़ों की भारी कटाई से जीव-जंतुओं के आश्रय छिनने और तेज गर्मी, पानी की कमी की वजह से कई सारे जीव जंतु विलुप्त हो गए है, तो कुछ विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं।

3. बिगड़ते पर्यावरण संतुलन की वजह से दुनिया के कुछ देशों में तेज गर्मी से पड़ती है, तो कुछ शरीर को जमा देने वाली ठंड पड़ती है। तो कुछ देशों में भूकंप, सुनामी जैसे भयंकर तूफानों, सूखा, बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है।

4. बिगड़ते पर्यावरण संतुलन के कारण दुनिया में तेजी से पीने की पानी में गिरावट आ रही है। क्योंकि तेज गर्मी की वजह से जलाशय और नदियां सूख रही है। इसके साथ ही साउथ और नार्थ पोल में तेजी से ग्लेशियरों का पिघलना जारी है।

5. बिगड़ते पर्यावरण संतुलन से वायु प्रदूषण में हानिकारक स्तर उछाल आना दुनिया के लिए एक गंभीर समस्या बन चुका है। चीन और भारत के कुछ प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर हानिकारक स्तर से कई गुना ज्यादा पाया जाना बेहद चिंता का विषय है।

बिगड़ते पर्यावरण संतुलन का सेहत पर असर :

1. बिगड़ते पर्यावरण संतुलन, जलवायु परिवर्तन और बढ़ते औद्योगिककरण की वजह से शुद्ध हवा में कमी आना। जिससे अस्थमा, सांस की बीमारी होना और फेफड़ों संबंधी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।

2. पेड़ों की कटाई और नदियों, तालाब और जलाशयों के तेजी से सूखने पर शुद्ध पीने के पानी में भारी गिरावट आना। इसके साथ भूमिगत जल स्तर में भी बड़े स्तर पर गिरावट आना। लोगों के दूषित पानी पीने से गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।

3. बिगड़ते पर्यावरण संतुलन, जलवायु परिवर्तन की वजह से बारिश कम हो गई है। जिससे खाने-पीने की चीजों को उगाने के लिए बढ़े स्तर पर कैमिकल्स का उपयोग होने लगा है, जो कि गंभीर बीमारियों का खतरा बनती हैं।

4. बढ़ते औद्योगिकीकरण और जनसंख्या वृद्धि की वजह से संसाधनों की कमी होने से भुखमरी और कुपौषण की समस्या का महामारी का रूप लेना।

5. बिगड़ते पर्यावरण संतुलन और जलवायु परिवर्तन की वजह से नई-नई बीमारियों (जीका वायरस, डेंगू, चिकनगुनिया) का उत्पन्न होना।

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